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मोदी पर समाजवादी मोर्चे का हमला

संसद के बाद समाजवादी मोर्चे ने सड़क पर भी मोदी सरकार के खिलाफ एकजुटता दिखाई। हालांकि, जनता परिवार के औपचारिक तौर पर एकजुट होने का फार्मूला जंतर-मंतर के इस बहुप्रतीक्षित प्रदर्शन में भी तय नहीं हो पाया। कालेधन की वापसी और धर्मातरण जैसे मुद्दों पर जनता परिवार से टूटकर बने

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Mon, 22 Dec 2014 09:13 AM (IST)Updated: Mon, 22 Dec 2014 08:04 PM (IST)
मोदी पर समाजवादी मोर्चे का हमला

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद के बाद समाजवादी मोर्चे ने सड़क पर भी मोदी सरकार के खिलाफ एकजुटता दिखाई। हालांकि, जनता परिवार के औपचारिक तौर पर एकजुट होने का फार्मूला जंतर-मंतर के इस बहुप्रतीक्षित प्रदर्शन में भी तय नहीं हो पाया। कालेधन की वापसी और धर्मातरण जैसे मुद्दों पर जनता परिवार से टूटकर बने पांच दलों ने संयुक्त हमला बोला। खुद को देश में बतौर मजबूत विकल्प पेश करते हुए इस मोर्चे ने मोदी सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार दिया।

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मुलायम की अगुवाई में धरने में भीड़ भी ज्यादातर समाजवादी पार्टी की तरफ से ही जुटाई गई थी। सरकार को गरीब और मुसलिम विरोधी ठहराने पर जहां वक्ताओं का जोर था, वहीं उत्तर भारत में मुसलिमों के बीच पैठ बना रही असददुल्ला ओवैसी की पार्टी एमआइएम से भी उनकी आशंकाएं दिखीं।मुलायम के अलावा प्रदर्शन में पूर्व केंद्रीय मंत्री व जदयू के अध्यक्ष शरद यादव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू यादव, पूर्व प्रधानमंत्री व जदएस के अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा व सजपा के कमल मोरारका शामिल हुए। इनलो नेता दुष्यंत चौटाला घोषणा के बावजूद वहां नहीं आए। हालांकि, बाद में उन्होंने धरना-प्रदर्शन का समर्थन तो किया, लेकिन गठबंधन या विलय के मुद्दे को इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला पर छोड़ दिया।

तय नहीं जनता परिवार का भविष्य:

वैसे जंतर-मंतर से जनता दल परिवार का भविष्य तय होने की आस से जुटे पार्टी समर्थकों को निराशा हुई। इन दलों के राजनीतिक मोर्चा या विलय कर एक पार्टी के रूप में सामने आने को लेकर तस्वीर सोमवार को भी साफ नहीं हो पाई। नीतीश ने इस रिश्ते को अंजाम तक पहुंचाने का जिम्मा मुलायम सिंह यादव को दिया। मुलायम ने कहा अगली बैठक में जनता परिवार का भविष्य तय होगा। नीतीश ने कहा कि मुलायम सिंह की पहल पर दो बार उनके आवास पर बैठकें हुई है। 14 दिसंबर की बैठक में निर्णय हुआ कि एकजुट होकर चलेंगे। उन्होंने कहा कि जनता परिवार के विभिन्न दलों के वर्तमान स्वरूप में विलय की प्रक्रिया की शुरूआत अब हो जानी चाहिए।

ओवैसी से भयभीत मोर्चा?

राजद अध्यक्ष लालू यादव ने धरने को संबोधित करते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला, लेकिन इस दौरान मुसलिम वोटों में सेंध के प्रति उनकी चिंता भी साफ झलकी। लालू चुनौती देते हुए बोले कोई भी मुसलमानों को देश से बाहर नहीं कर सकता। लालू ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआइएम को मुस्लिम युवकों को बहकाने के लिए बनाई गई पार्टी करार दिया। इसे उत्तर प्रदेश व बिहार में बढ़ते ओवैसी के प्रभाव का असर ही माना जा रहा है।

ममता की तरफ भी बढ़ाया हाथ

उत्साहित लालू यादव ने पुराने गिले शिकवे भूलने की अपील कर कहा कि अब अलग झंडा नहीं रहेगा। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी के लिए कहा कि केंद्र में मोदी सरकार ने उन्हें तबाह कर दिया। लालू ने कहा कि मुलायम के नेतृत्व में फिर एक बार पश्चिम बंगाल, बिहार, हरियाणा व उत्तर प्रदेश में जनता परिवार का झंडा लहराएगा।

समाजवादी मंच से मोदी का भाषण!

समाजवादी मोर्चे के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवाज भी गूंजी। जद-यू नेता नीतीश कुमार ने केंद्र पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए वहां मौजूद लोगों को पीएम मोदी की पुरानी रिकार्ड की आवाज सुनाई। इसे सुनाकर नीतीश ने कहा कि आप इस आवाज को पहचान रहे हैं न! चुनावी भाषण में मोदी ने काला धन वापस लाने का वादा किया था। नीतीश ने कहा सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुई है।

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