Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'केजरीवाल' के 'दरबार' से मायूस होकर लौटा 'आम आदमी'

    By Edited By:
    Updated: Sun, 12 Jan 2014 11:07 AM (IST)

    दिल्ली सरकार के पहले जनता दरबार में मची अफरा-तफरी से परेशान अनेक लोग नाराज होकर वापस लौट गए। उनका कहना था कि जब शिकायत पत्र ही जमा कराना था तो वह किसी भी दिन जमा कराया जा सकता था। जनता दरबार की क्या जरूरत थी? 'पत्र ही लेना था तो जनता दरबार का क्या मतलब। दूसरी पार्टियों और इस पार्टी में कोई फर्क नहीं

    नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के पहले जनता दरबार में मची अफरा-तफरी से परेशान अनेक लोग नाराज होकर वापस लौट गए। उनका कहना था कि जब शिकायत पत्र ही जमा कराना था तो वह किसी भी दिन जमा कराया जा सकता था। जनता दरबार की क्या जरूरत थी?

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'पत्र ही लेना था तो जनता दरबार का क्या मतलब। दूसरी पार्टियों और इस पार्टी में कोई फर्क नहीं है। कोई इंतजाम नहीं है। मुझे भी धक्के लगे हैं। वापस जा रहा हूं।' -वीके सिंह, अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट

    फर्श बाजार थाने में एक साल पहले मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस के चक्कर लगा रही हूं। यहां आई थी कि केजरीवाल जी समस्या का हल कराएंगे। मगर शिकायत नहीं दे सकी। वापस जा रही हूं। -दर्शना कौशिक, ज्वाला नगर शाहदरा

    पढ़ें: केजरीवाल के दरबार में जनता हुई बेकाबू

    यहां आकर बहुत दुख हुआ। हम लोग मुख्यमंत्री तक शिकायत भी नहीं पहुंचा सके। कोई व्यवस्था नहीं है। भीड़ बेकाबू है। -एसके रूंगटा, अध्यक्ष, नेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लाइंड इंडियासास से झगड़ा चल रहा है। बिजली पानी काट दी गई है। कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यहां आई थी कि कुछ सुनवाई होगी। मगर मिल नहीं सकी। -मंजुलता, शकूरबस्तीजल बोर्ड में कार्यरत पिता की मौत कई साल पहले हो चुकी है। अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए आया था। मगर भगदड़ में मुख्यमंत्री से नहीं मिल पाया। किसी ने जेब से आठ हजार रुपये निकाल लिए। यहां आकर बहुत बुरा लगा।' -पंकज वर्मा, शाहदरा

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर

    comedy show banner
    comedy show banner