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    भावे, अब्राहम पर सीबीआइ केस से भड़के जयराम

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    Updated: Wed, 19 Mar 2014 10:32 AM (IST)

    केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश सीबीआइ से बेहद नाराज हैं। मंगलवार को उन्होंने जांच एजेंसी पर अपनी भड़ास निकाली। वह सेबी के पूर्व चेयरमैन सीबी भावे और पूर्व सदस्य केएम अब्राहम के खिलाफ प्रारंभिक जांच [पीई] का मामला दर्ज करने से खफा हैं। एमसीएक्स स्टॉक एक्सचेंज को लाइसेंस देने के मामले में सीबीआइ ने दोनों के खिलाफ पीई दर्ज किया है।

    नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश सीबीआइ से बेहद नाराज हैं। मंगलवार को उन्होंने जांच एजेंसी पर अपनी भड़ास निकाली। वह सेबी के पूर्व चेयरमैन सीबी भावे और पूर्व सदस्य केएम अब्राहम के खिलाफ प्रारंभिक जांच [पीई] का मामला दर्ज करने से खफा हैं। एमसीएक्स स्टॉक एक्सचेंज को लाइसेंस देने के मामले में सीबीआइ ने दोनों के खिलाफ पीई दर्ज किया है।

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    बकौल रमेश, 'सीबीआइ द्वारा इस तरह के एक मछली पकड़ने जैसे अभियान से सार्वजनिक उपक्रमों में निर्णय लेने का क्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।' उन्होंने सीबीआइ की कार्रवाई को पूरी तरह से गलत ठहराया है। ग्रामीण विकास मंत्री का कहना था, 'भावे की ईमानदारी के प्रधानमंत्री भी कायल हैं। वह उनकी इज्जत करते हैं।' साथ ही उन्होंने अब्राहम को एक बेहद ईमानदार अधिकारी करार दिया। दोनों अधिकारियों के समर्थन में उतरे रमेश ने जांच एजेंसी की कार्रवाई को दुखद और जुल्म ढाने वाला कहा।

    जब उनसे पूछा गया कि क्या दोनों अधिकारियों को फंसाया गया है तो रमेश का जवाब था, 'मैं सोचता हूं कि इसके पीछे बड़ी ताकतें काम कर रही हैं।' पिछले हफ्ते सीबीआइ ने भावे और अब्राहम के खिलाफ पीई दर्ज किया। वह 2008 में सेबी द्वारा एमसीएक्स को स्टॉक एक्सचेंज का लाइसेंस देने में गड़बड़ियों और 2009 व 2010 में उसका नवीनीकरण किए जाने के मामले की जांच करना चाहती है। जांच एजेंसी जानना चाहती है कि भावे के कार्यकाल में सेबी के विरोध के बावजूद लाइसेंस की मंजूरी कैसे प्रदान की गई। सीबीआइ जांच में जिग्नेश शाह की कंपनी फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी इंडिया लिमिटेड और उसके जिंस एक्सचेंज एमसीएक्स को भी शामिल किया गया है।

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    उधर, एमसीएक्स स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व चेयरमैन और पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई ने भी सीबीआइ के कदम पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने अपने इस्तीफे पर भी सफाई दी है। एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि नियामकीय मामलों में किसी व्यक्तिगत अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि सीबीआइ के कदम के बाद ही उन्होंने एमसीएक्स-एसएक्स के चेयरमैन पद से इस्तीफा देने का फैसला किया।