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    नमो में भारत का निक्सन बनने की सारी खूबियां: जयराम रमेश

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    Updated: Thu, 19 Jun 2014 11:14 AM (IST)

    बेशक कांग्रेस को लगता हो कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से देश में सांप्रदायिक ताकतें हावी हो जाएंगी, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ऐसा नहीं सोचते। वह कहते हैं कि मोदी में भारत का रिचर्ड निक्सन बनने की सारी खूबियां हैं। वह पाकिस्तान और चीन के साथ सभी विवाद

    श्रीनगर [जागरण ब्यूरो]। बेशक कांग्रेस को लगता हो कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से देश में सांप्रदायिक ताकतें हावी हो जाएंगी, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ऐसा नहीं सोचते। वह कहते हैं कि मोदी में भारत का रिचर्ड निक्सन बनने की सारी खूबियां हैं। वह पाकिस्तान और चीन के साथ सभी विवाद सुलझाने में समर्थ हो सकते हैं।

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    कश्मीर के निजी दौरे पर आए जयराम रमेश ने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि जिस तरह से निक्सन ने अमरीका को चीन के लिए खोलते हुए एक नए दौर की शुरुआत की, वैसा ही कुछ हम नरेंद्र मोदी से उम्मीद कर रहे हैं। वह एक मजबूत और दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति वाले नेता हैं। उनके इरादे स्पष्ट लगते हैं। उनमें लचीलापन भी है, जिसकी कमी उनके पूर्ववर्तियों में कहीं न कहीं खलती थी। नमो ने जिस तरह से अपने शपथग्रहण समारोह के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मियां नवाज शरीफ को बुलाया। अगर हमने उन्हें बुलाया होता तो हम पर नवाज शरीफ को बिरयानी परोसने का आरोप लगाते हुए भाजपा चारों तरफ से हमले करती, लेकिन कांग्रेस मोदी पर हमले की स्थिति में नहीं है।

    जयराम रमेश ने कहा कि जहां तक मेरा मानना है कि मोदी की नीतियों को लेकर जल्द ही उनके संगठन के भीतर भी परस्पर विरोध देखने को मिल सकता है। भाजपा का थिंक टैंक माना जाने वाला विवेकानंद फाउंडेशन पाकिस्तान को लेकर बहुत ही कट्टर सोच रखता है। ऐसे हालात में पत्र लिखना, साड़ी और शॉल भेंट करना क्या गुल खिलाएगा, कुछ कहना मुश्किल है। लेकिन देर-सवेर इस पर विवाद जरुर देखने को मिलेंगे।

    उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान दोनों के साथ बहुत ही संवेदनशील मुद्दों पर विवाद हैं। चीन तवांग पर अपना हक जताता है। लेकिन आबादी और क्षेत्र का आदान प्रदान नहीं किया जा सकता।

    पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी में कई बदलाव आए हैं, उनके कामकाज का ढंग भी ध्यान देने योग्य हैं।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केबिनेट पर अपनी प्रतिक्रिया जताते हुए उन्होंने कहा कि मोदी ने पहली बार संसद में पहुंची स्मृति ईरानी, पियूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान जैसे सांसदों को मंत्री बनाकर उन्हें स्वतंत्र प्रभार सौंपा है, इस बदलाव के लिए वह बधाई के पात्र हैं। कांग्रेस में ऐसा नहीं सोचा जा सकता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कांग्रेसियों द्वारा चाय वाला व्यंग्य कसने पर उन्होंने कहा कि यह अफसोसजनक है। कांग्रेस को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी है।

    जयराम के बयान से कांग्रेस ने किया किनारा

    कांग्रेस को एक बार फिर अपने नेता के बयान से किनारा करना पड़ा। पार्टी ने जयराम रमेश के प्रधानमंत्री मोदी की तुलना रिचर्ड निक्सन से किए जाने से खुद को अलग कर लिया है। पार्टी प्रवक्ता राजबब्बर ने कहा कि 'जयराम रमेश एक बुद्धजीवी है,ं राजनीतिक बुद्धजीवी हैं यह केवल वह ही बता सकते हैं कि उन्होंने क्या कहा या लिखा।'

    राजबब्बर ने कहा कि मुझे नहीं पता कि जयराम रमेश ने यह बातें किस संदर्भ में कहीं हैं। उन्होंने कहा कि निक्सन एक मात्र अमेरिकी राष्ट्रपति थे जिन्हें वाटरगेट जैसे कांड के चलते पद छोड़ना पड़ा था। गौरतलब है कि अमेरिका के लिए चीन से संबध कायम करने में निक्सन का बड़ा योगदान है। जयराम से पहले पार्टी के एक और प्रवक्ता शशि थरूर ने मोदी की तारीफ की थी जिसके बाद से पार्टी ने उनके मीडिया में जाने पर रोक लगा दी है।

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