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    S-400 ट्रायंफ एयर डिफेंस सिस्टम से लैस होगी भारतीय सीमा, जानें इसकी खासियत

    भारतीय सीमा जल्द ही रूस की एस-400 ट्रायंफ एयर डिफेंस सिस्टम से लैस होगी। इसकी तैनाती के बाद भारतीय सीमा में किसी तरह का संदिग्ध विमान या ड्रोन एंट्री नहीं ले सकेगा।

    By Kamal VermaEdited By: Updated: Wed, 06 Sep 2017 10:27 PM (IST)
    S-400 ट्रायंफ एयर डिफेंस सिस्टम से लैस होगी भारतीय सीमा, जानें इसकी खासियत

    नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। भारतीय सीमा जल्द ही रूस की एस-400 ट्रायंफ एयर डिफेंस सिस्टम से लैस होगी। इसकी तैनाती के बाद भारतीय सीमा में किसी तरह का संदिग्ध विमान या ड्रोन एंट्री नहीं ले सकेगा। इंडियन एयरफोर्स की तरफ इस मिसाइल सिस्टम का ट्रायल पूरा कर लिया गया है। जानकारी के मुताबिक इसका ट्रायल दो मौकों पर किया गया है और यह पूरी तरह से सफल रहा है। एस-400 ट्रायंफ जेट को हवा में मार गिराने, एयरक्राफ्ट सर्विलांस, क्रूज मिसाइल और ड्रोन को 400 किमी की दूरी से ही नष्ट करने सक्षम है।

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    ट्रैकिंग होगी आसान

    एस-400 ट्रायंफ की मदद से भारत 600 किमी तक की रेंज में ट्रैकिंग कर सकता है। मिसाइल सिस्टम एक समय में 400 किमी की रेंज में 36 टार्गेट को निशाना बना सकता है। इस डिफेंस सिस्टम की मदद से पाकिस्तान हो या चीन सुरक्षा की दृष्टि से बढ़त बनाई जा सकती है। इस प्रणाली की तैनाती के बाद तिब्बत में होने वाली चीनी सेना की गतिविधियों पर भी नजर रखने में आसानी हो जाएगी।

    जानें क्या है एस-400 ट्रायंफ?

    यह एक ऐसी एयर डिफेंस मिसाइल प्रणाली है जो बाहरी मिसाइल हमलों से देश की रक्षा करती है। यह देश पर संभावित मिसाइल हमले की तुरंत जानकारी देता है और जरूरत पड़ने पर यह एंटी मिसाइल दागकर दुश्मन की मिसाइल को मार गिराता है।

    वायुसेना को मिलेगी मजबूती

    भारतीय वायु सेना को और ज्यादा मजबूती देने के लिए यह खरीद भारत के लिए बेहद जरूरी थी। माना यह भी जा रहा है कि भारतीय परमाणु संयंत्रों, परमाणु संस्थानों, अति महत्वपूर्ण भवनों और कई अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

     

    मिसाइल सिस्टम खरीदने वाला दूसरा देश है भारत

    रूस एस-400 ट्रायंफ मिसाइल सिस्टम खरीदने वाला भारत दूसरा देश है। इससे पहले चीन इस प्रणाली को तैनात कर चुका है। इस प्रणाली में लगे रडार एक साथ 100 से लेकर 300 टार्गेट को ट्रैक कर सकते हैं। इस डील की आपूर्ति इस साल होने की संभावना है। यह एयर डिफेंस सिस्टम इतना अत्याधुनिक है कि इससे नाटो के देश भी चिंतित हैं।

    गोवा ब्रिक्स समिट में हुई थी सौदे पर बात

    गौरतलब है कि गोवा में पिछले साल ब्रिक्स बैठक के दौरान भारत और रूस के बीच करीब 32 हजार करोड़ से अधिक की डिफेंस डील हुई थीं। इसके तहत ही भारत ने रूस से पांच 'S-400 एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम' और 200 'कामोव केए-226 टी' हेलिकॉप्टर डील फाइनल की थीं। इनमें से 40 हेलिकॉप्टर रूस से आएंगे, जबकि अन्य भारत में ही बनाए जाएंगे।

    S-400 Triumf मिसाइल की खासियत

    - S-400 Triumf रूस की नई एयर मिसाइल डिफेंस प्रणाली का हिस्सा है, जिसे रूसी सेना ने 2007 में अपने बेड़े में तैनात किया है।
    - इस डिफेंस सिस्टम से विमानों, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ-साथ जमीनी ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है।
    - ये मिसाइलें 400 किलोमीटर तक की दूरी तक मार कर सकती हैं।
    - इस सिस्टम से एक साथ तीन मिसाइलें दागी जा सकती हैं
    - इससे मिसाइल से लेकर ड्रोन तक से किये जाने वाले हमले को नाकाम कर सकता है।