Move to Jagran APP

जानें, कौन है आम आदमी पार्टी की कलह कहानी का असली खलनायक

अगर ये कहा जाए कि आम आदमी पार्टी मौजूदा समय में कठिन दौर से गुजर रही है तो गलत न होगा। परायों के साथ साथ अपने भी नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं।

By Lalit RaiEdited By: Published: Tue, 20 Jun 2017 02:43 PM (IST)Updated: Tue, 20 Jun 2017 06:00 PM (IST)
जानें, कौन है आम आदमी पार्टी की कलह कहानी का असली खलनायक
जानें, कौन है आम आदमी पार्टी की कलह कहानी का असली खलनायक

नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]।  2015 में दिल्ली विधानसभा की 70 में से 67 सीटें जीतकर सत्तारूढ़ हुई आम आदमी पाटी (आप) डेढ़ महीने पूर्व हुए दिल्ली निगम चुनाव में हार के बाद मुसीबतों में घिरती जा रही है। पार्टी के साथ ही केजरीवाल सरकार को भी एक साथ कई मोर्चों पर जूझना पड़ रहा है। जहां पार्टी में बाहर और भीतर दोनों ही मोर्चों पर टकराव के हालात हैं, वहीं सरकार के स्तर पर भी परायों के साथ अपने भी मुश्किल का सबब बन रहे हैं।

prime article banner

पराजय या वर्चस्व की जंग

नगर निगम चुनाव में पराजय को इसकी वजह कहें या कि पार्टी में वर्चस्व की जंग, आप को पार्टी के बाहर से लगातार आरोपों की झड़ी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं अंदरखाने भी सत्ता संघर्ष साफ नजर आ रहा है। पार्टी से समय-समय पर अलग हुए नेता आप को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते, वहीं पार्टी से निलंबित किए गए बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा के तरकस के तीर खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं।

कपिल ने केजरी को दी चुनौती

लोक निर्माण विभाग घोटाले को लेकर उन्होंने अरविंद केजरीवाल को चुनौती दे डाली कि वह सुबूत दे रहे हैं, मुख्यमंत्री कार्रवाई करें। कपिल मिश्रा के एक के बाद एक लगाए जा रहे आरोपों से पार्टी पार भी नहीं पा पाई है कि अपने वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास पर से आप का विश्वास उठता साफ नजर आ रहा है। इसे पार्टी में वर्चस्व की जंग के रूप में देखा जा रहा है। विश्वास ने पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए तो उन्हें राजस्थान का प्रभार देकर शांत करने की कोशिश की गई, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ। इसके अलावा कपिल मिश्रा दिल्ली के सीएम केजरीवाल और मनीष सिसौदिया की चुटकी लेने से नहीं चुकते हैं। 

यह भी पढ़ें: रामलीला मैदान से लेकर 'कैश' लीला तक, ये है केजरीवाल कथा

दिलीप पांडे बनाम कुमार विश्वास

आप के वरिष्ठ नेताओं ने विश्वास पर हमला जारी रखा है तो विश्वास भी अपने बयानों से संकेत दे रहे हैं कि पार्टी के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है। हाल ही में पार्टी प्रवक्ता दिलीप पांडेय ने राजस्थान चुनाव को लेकर विश्वास पर वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ कुछ न बोलने का आरोप लगाया। इसके बाद पार्टी के कोषाध्यक्ष दीपक वाजपेयी ने गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान पांच सितारा होटल में ठहरने को लेकर विश्वास पर तंज कसा। सोमवार को आप की यूथ विंग की वरिष्ठ पदाधिकारी वंदना सिंह ने भी काफी खुले शब्दों में विश्वास को पार्टी का विरोधी बताने की कोशिश की।

केजरी के करीबियों पर शिकंजा

आम आदमी पार्टी जहां कठिन घड़ी से दो-चार हो रही है, वहीं केजरीवाल सरकार भी मुश्किल दौर से गुजरती नजर आ रही है। केंद्र सरकार और उपराज्यपाल पर शुरू से निशाना साधते हुए असहयोग का आरोप लगाने वाली केजरीवाल सरकार के कुछ मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप गहरा रहे हैं और सीबीआइ का फंदा कसता जा रहा है, जो उसके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। सोमवार को भी मंत्री सत्येंद्र जैन के आवास पर सीबीआइ ने छापेमारी की। इस बीच, सरकार के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाते हुए कई अधिकारी भी उससे नाराज हैं।

साजिश का छापा

दिल्ली सरकार में कद्दावर मंत्री सत्येंद्र जैन पर सीबीआइ कार्रवाई को आम आदमी पार्टी (आप) ने साजिश करार दिया है। आप ने कहा है कि भाजपा के इशारे पर सीबीआइ जैन पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें परेशान करने पर तुली है। आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीबीआइ के आरोप पूरी तरह से काल्पनिक हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब सीबीआइ आम आदमी पार्टी के नेताओं के पीछे पड़ी है। साल 2015 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दफ्तर पर सीबीआइ ने छापा मारा था। जिसके बाद कोर्ट ने सीबीआइ को बुरी तरह से लताड़ा था। पिछले हफ्ते उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआइ पहुंच गई थी।  उन्होंने कहा कि सीबीआइ ने सत्येंद्र जैन पर हवाला के जरिये पैसों के लेन-देन करने का आरोप लगाया है। जो बिल्कुल गलत हैं।

आप ने दिए तर्क

आरोप- सत्येंद्र जैन के यहां दो लोग काम करते थे। उनके नाम हैं -संजय और सुरेश। केंद्र का आरोप है कि ये दोनों शख्स सत्येंद्र जैन के यहां 2010 से अभी तक काम कर रहे हैं। आरोप है कि ये दोनों शख्स कोलकाता के हवाला व्यापारियों से फोन पर बात करके हवाला के जरिये पैसे भेजते थे।

सफाई- सच तो यह है कि ऐसे दो शख्स इस दुनिया में हैं ही नहीं। भाजपा ने दो मनगढ़ंत और काल्पनिक नाम प्रस्तुत किए हैं। ऐसे किसी शख्स ने सत्येंद्र जैन के यहां कभी काम किया ही नहीं है। सत्येंद्र जैन ने बार-बार कहा कि इन दोनों को प्रस्तुत किया जाए, लेकिन आज तक सीबीआइ प्रस्तुत ही नहीं कर पाई।

आरोप- सीबीआइ का आरोप है कि ये दोनों शख्स दिल्ली के 011-27314231 नंबर से कोलकाता के हवाला व्यापारियों को फोन करते थे। भाजपा का आरोप है कि 2010 से 2016 तक इस फोन नंबर से कोलकाता के हवाला व्यापारियों को कई बार फोन किए गए।

सफाई- सच तो यह है कि इस फोन पर कभी एसटीडी की सुविधा थी ही नहीं। साल 2014 से यह नंबर बंद पड़ा है। 2010 से 2014 के कॉल रिकॉर्ड निकलवा लिए गए हैं। उस दौरान एक भी कॉल इस नंबर से कोलकाता नहीं हुई है।

यह भी पढ़ें: तो केजरीवाल और जैन होते जेल में, कपिल मिश्रा को मिलते 20 लाख

आप के आरोप का भाजपा ने किया विरोध

सीबीआइ की निष्पक्षता को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा सवाल उठाए जाने का भाजपा ने विरोध किया है। उसका कहना है कि केजरीवाल सरकार भ्रष्ट नेताओं को बचाने में लगी हुई है। इसलिए आप नेता व दिल्ली सरकार के मंत्री सीबीआइ जांच का विरोध कर रहे हैं।

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि केजरीवाल अपने आप को भ्रष्टाचार के खिलाफ योद्धा के तौर पर पेश करते रहे हैं, लेकिन उनकी सच्चाई अब सामने आ गई है। आज जब उनके साथियों और खुद उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं तो वह इससे बचने के लिए जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर सवाल उठाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि आप एवं केजरीवाल सरकार ने राजनीतिक मर्यादाओं का पूरी तरह खत्म कर दिया है। पिछले काफी समय से आप सरकार और उसके मंत्रियों विशेषकर सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। जिस तरह की प्रतिक्रियाएं सत्ताधारी दल ने दी हैं, वह इसकेअराजक स्वभाव का प्रतीक है।

आप से विश्वास हो सकते हैं बाहर

आम आदमी पार्टी से कुमार विश्वास को निकाले जाने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। यदि सब कुछ इसी तरह चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब कुमार विश्वास पार्टी से बाहर होंगे। राजस्थान के प्रभारी बनाए जाने के बाद से वह जिस तरह व्यवहार कर रहे हैं। वह पार्टी नेताओं को अखर रहा है। रविवार को पार्टी कार्यालय में राजस्थान के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद विश्वास ने जो बयान दिया। उसमें पार्टी नेतृत्व को ही निशाना बना दिया। इससे आप नेता खासे नाराज हैं।

इसके बाद सोमवार को आप की यूथ विंग की सक्रिय पदाधिकारी वंदना सिंह ने ट्वीट कर कहा कि सुबह अखबार पढ़ो तो एक आदरणीय बड़े भाई रोज पार्टी को बचाने के नाम पर पार्टी को ही गालियां देते हैं। वंदना ने उनसे कहा कि खुद पार्टी के साथ धोखा बंद करो। भैया डॉ. कुमार विश्वास आप साक्षात्कार और बाइट में सवाल पूछते हो पार्टी से।

निशाने पर कुमार विश्वास

वंदना ने सवाल किया कि तो क्या मेरे जैसे वॉलंटियर आपसे ट्विटर पर भी नहीं पूछ सकते? उन्होंने कहा कि विश्वास जब आपने लड़ना तय कर लिया है तो सामने से लड़िए। एक अन्य ट्वीट में वंदना ने कहा कि फिर जो विधायक व कार्यकर्ताओं को बुलाकर आपको पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक बनाने के प्रस्ताव रखवाए गए थे, वह क्या थे? तीन दिन में नया सीएम देने की बात कही थी न? इससे पहले आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पांडेय और कोषाध्यक्ष दीपक बाजपेयी भी तीखे प्रहार कर चुके हैं।

कुमार विश्वास ने पार्टी शीर्ष पर निशाना साधते हुए कहा था कि अयोध्या के राजकुमार राम सभी से शालीनता से मिलते थे। महल के लोगों ने उनका निष्कासन किया था। बाद में वह राम के लिए सही साबित हुआ और उन्होंने रावणीय शक्तियों का खात्मा किया। राजमहल के षड्यंत्रकारियों से नहीं डरने की बात कही थी। कुमार विश्वास को झटका देने की तैयारी शुरू हो गई है। सूत्रों का कहना है कि आप नेताओं ने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि वे उनके लिए राजस्थान न जाएं। वह भी ऐसे समय में जब विश्वास राजस्थान में 25 जून को एक बड़ा कार्यकर्ता सम्मेलन करने जा रहे हैं।
 

यह भी पढ़ें: हर दिन नए अंदाज में 'AAP' पर निशाना, कपिल मिश्रा अब केजरी को यूं देंगे जवाब


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.