जानिए, यूपी और बिहार से क्या रहा है राष्ट्रपति उम्मीदवार का कनेक्शन
देश के तीसरे राष्ट्रपति बने डॉक्टर जाकिर हुसैन भी बिहार में साल 1957 में राज्यपाल नियुक्त किए गए थे।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। एनडीए की तरफ से बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति के उम्मीदवार के तौर पर नाम की जैसे ही घोषणा की गई ये नाम राजनीतिक हलकों में चौंकानेवाली रही। उसकी वजह थी उनके नाम पर दूर दूर किसी तरह का कोई कयास ना लगाया जाना। लेकिन, जैसे ही कोविंद के नाम की घोषणा भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने की, वैसे ही एनडीए के सहयोगी दलों की उनके पक्ष में प्रतिक्रियाएं भी आने लगी।
यूपी से पीएम के बाद अब राष्ट्रपति
राजनीति के जानकार भले ही कोविंद के नाम बढ़ाए जाने को आगामी सियासी गणित से जो़ड़कर देखे लेकिन एक हकीकत ये भी है कि जिस राज्य ने देश को मौजूदा प्रधानमंत्री दिया है अगर कोविंद राष्ट्रपति बन जाते हैं तो वही राज्य अब देश को राष्ट्रपति भी देगा। यानि एक ही राज्य से प्रधानमंत्री और राष्ट्ररपति। जाहिर तौर पर यह किसी राज्य के लिए सम्मान की बात है जो वहां के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कही है।
यूपी से दूसरे राष्ट्रपति बनेंगे कोविंद
रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वह उत्तर प्रदेश से राष्ट्रपति बननेवाला दूसरे नेता होंगे। उनसे पहले, वीबी गिरी के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद हिदायतुल्लाह देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति बने थे। हालांकि, जो खास बात है वह ये कि रामनाथ कोविंद से पहले देश को यूपी से कोई भी चुना हुआ राष्ट्रपति नहीं मिला था।
बिहार और यूपी से राष्ट्रपति का कनेक्शन
इसे महज संयोग कहे या फिर कुछ और लेकिन देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद बिहार के ही रहनेवाले थे जबकि देश के तीसरे राष्ट्रपति बने डॉक्टर जाकिर हुसैन भी बिहार में साल 1957 में राज्यपाल नियुक्त किए गए थे। वह 13 मई 1967 को भारत के पहले और देश के तीसरे राष्ट्रपति बने थे। लेकिन राष्ट्रपति से पहले वे 1962 से 1967 तक देस के उपराष्ट्रपति भी रहे। जबकि, अभी एक बार फिर से बिहार के राज्यपाल का नाम राष्ट्रपति के लिए बढ़ाया गया है।
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