काले धन की जांच के लिए IT के साथ आए सीबीआइ, इडी और पुलिस
काले धन को पकड़ने के लिए नोटबंदी के कदम के बाद सरकार ने जांच व्यवस्था को मजबूत बनाते हुए आयकर विभाग के साथ सीबीआई, इडी और पुलिस को शामिल किया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए नोटबंदी के कदम के बाद काले धन को सफेद करने के लिए गुपचुप तरीके से कई आपराधिक गतिविधियां हो रही हैं, जिसका पर्दाफाश करने के लिए आयकर विभाग ने अपने साथ सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और पुलिस को ले लिया है। नोटबंदी के बाद, बेहिसाब आय के बड़ी मात्रा के साथ पकड़े गए लोगों की भ्रष्टाचार और आपराधिक क्रियाकलापों की जांच के लिए आयकर विभाग और जांच एजेंसियों के बीच बड़ी सहभागिता देखी गई है।
काले धन की जांच के लिए आयकर विभाग की बदली हुई व्यवस्था के तहत जांच की प्रक्रिया को विस्तृत किया गया है। 8 नवंबर को हुए नोटबंदी के बाद, अघोषित आय का पता लगाने के प्रत्येक मामले में स्थानीय पुलिस या सीबीआई के पास एफआइआर दर्ज करायी जाती है। इसके कारण प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मामले को देखती है।
जैसे ही इस एक्ट के तहत प्रवर्तन निदेशालय मामले को रजिस्टर करती है आरोपी की अघोषित संपत्ति को जब्त कर लिया जाता है। इसके पहले आयकर विभाग जब भी किसी अघोषित आय को जब्त करती थी तब आरोपी टैक्स का भुगतान या जुर्माना देकर छूट जाता था।
इडी ने मंगलवार को बेंगलुरु में 7 लोगों को मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया। इसी दिन सीबीआइ ने बेंगलुरु में कैसिनो के मालिक को नई करेंसी के 5.7 करोड़ की रकम के साथ गिरफ्तार किया। एजेंसी ने प्रतिबंधित करेंसी नोटों को बदलने की कोशिश में आरबीआई अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली में इडी ने कश्मीरी गेट स्थित एक्सिस बैंक के दो मैनेजर और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी 40 करोड़ रुपये के पुराने नोटों को बैंक में जमा कराने के जुर्म में पकड़ लिया।
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