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    इसरो के खाते में एक और कामयाबी, स्क्रैमजेट इंजन का किया सफल परीक्षण

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Sun, 28 Aug 2016 12:33 PM (IST)

    इसरो ने स्क्रैम जेट इंजन का सफल परीक्षण किया है। हालांकि मौसम उपग्रह इनसैट-3डीआर के परीक्षण को स्थगित कर दिया गया है।

    नई दिल्ली। अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज सफलतापूर्वक स्क्रैमजेट इंजन का परीक्षण किया। हवा की गति प्रक्षेपण के लिए अनुकूल रहने पर रॉकेट ने सुबह 6 बजे उड़ा भरी। स्क्रैमजेट के सफल परीक्षण के बाद रॉकेट प्रक्षेपण में आने वाले खर्चों में कमी आएगी। जानकारों का कहना है कि भारत अब अमेरिका और रूस जैसे देशों की कतार में खड़ा हो गया है। इसरो चेयरमैन ने कहा कि स्क्रैमजेट का सफल परीक्षण भारत के लिए बड़ी कामयाबी है।

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    Today's experiment of doing a Scramjet engine test is a very significant development: ISRO chairman A S Kiran Kumar pic.twitter.com/FdJr154QWq

    वहीं, भू-समकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी-एमके द्वितीय) के साथ मौसम उपग्रह इनसैट-3डीआर का प्रक्षेपण सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। भारत का रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र यहां से करीब 80 किलोमीटर दूर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) में स्थित है।

    एसडीएससी के निदेशक पी.कुन्ही कृष्णन ने आईएएनएस को बताया, “स्क्रैमजेट इंजन के परीक्षण के लिए आरएच-560 साउडिंग रॉकेट का प्रक्षेपण रविवार सुबह 6 बजे निर्धारित किया गया था।”

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    क्या है स्क्रैमजेट इंजन ?

    -स्क्रैमजेट इंजन का प्रयोग केवल रॉकेट के वायुमंडलीय चरण के दौरान ही होता है।

    -यह ईंधन के साथ प्रयोग होने वाले ऑक्सीडाइजर की मात्रा को घटा कर प्रक्षेपण लागत को कम करने में मददगार है।

    -स्क्रैमजेट सुपरसोनिक इंजन है। यह रॉकेट को 5 मैक या उससे ऊपर उड़ने में सहायता देती है।

    - इन इंजनों में कोई गतिशील भाग नहीं होता है।

    -स्क्रैमजेट इंजन ऑक्सीजन को द्रवित कर सकता है।और इसे रॉकेट या जहाज में संग्रहीत कर सकता है।

    स्क्रैमजेट से क्या होंगे फायदे ?

    - इससे रॉकेट का वजन लगभग आधा हो जाएगा।
    - हल्का होने से अंतरिक्ष में भारी पैलोड ले जाने में मदद मिलेगी।
    - लॉन्चिंग का खर्च कम हो जाएगा।

    अमेरिका की बराबरी की
    - भारत ने स्क्रैमजेट इंजन का टेस्ट कर अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की बराबरी कर ली है। नासा ने 2004 में ये टेस्ट किया था।

    - जापान, चीन, रूस और यूरोपीय देशों में भी इसकी टेस्टिंग शुरुआती लेवल पर है।

    - इससे पहले 2006 में भारत ने स्क्रैमजेट का जमीन पर टेस्ट किया था।

    INSAT-3DR का प्रक्षेपण फिलहाल रोका गया

    मौसम उपग्रह इनसैट-3डीआर के प्रक्षेपण को आठ सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस बदलाव के बारे में जब कृष्णन से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “परीक्षणों के दौरान उपग्रह घटक के साथ एक तकनीकी समस्या पाई गई थी। इसे ठीक कर दिया गया है और इसलिए प्रक्षेपण की तारीख को आगे बढ़ाया गया है।”

    उन्होंने कहा कि जीएसएलवी रॉकेट के माध्यम से मौसम उपग्रह इनसैट-3डीआर का प्रक्षेपण किया जाएगा और वह पूरी तरह से तैयार है। इसका क्रियान्वयन तीन-चार दिनों में शुरू हो जाएगा।

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