सिमी और आइएम के पूर्व आतंकियों के सहारे पैर जमाने की कोशिश
आइएसआइएस भारत में सिमी और आइएम को पूर्व आतंकियों व समर्थकों के सहारे पैर जमाने की कोशिश कर रहा है। आइएसआइएस की कोशिश है कि जो आतंकी लड़ाई के लिए सीरिया नहीं जाना चाहते हैं, वे भारत में ही आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सके।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आइएसआइएस भारत में सिमी और आइएम को पूर्व आतंकियों व समर्थकों के सहारे पैर जमाने की कोशिश कर रहा है। आइएसआइएस की कोशिश है कि जो आतंकी लड़ाई के लिए सीरिया नहीं जाना चाहते हैं, वे भारत में ही आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सके। इसके लिए देश व्यापी नेटवर्क तैयार करने की कोशिश की जा रही है। उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना में आतंकियों की गिरफ्तारी से आइएसआइएस के मंसूबे को साफ समझा जा सकता है।
आइएम और आइएसआइएस का संबंध उसी दिन जाहिर हो गया था कि जब बगदादी ने खुद आइएम के पूर्व आतंकी सुल्तान अरमर को अंसार उल तवाहिद का अमीर घोषित किया था। बाद में सुल्तान अरमर सीरिया में लड़ते हुए मारा गया था और आइएसआइएस ने उसे शहीद करार दिया था। उसी सुल्तान अरमर का भाई सफी अनवर अब आइएसआइएस के लिए नेटवर्क बनाने का काम कर रहा है। सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सफी अरमर आइएम के पूरे नेटवर्क और समर्थकों को जानता है। भारत से पूरी तरह वाकिफ होने का फायदा उठाते हुए वह पिछले एक साल से आतंकी नेटवर्क खड़ा करने की कोशिश कर रहा है। वैसे आइबी की मुस्तैदी से अभी तक उसे सफलता नहीं मिल पाई है और वारदात करने के पहले ही आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
गौरतलब है कि 2014 के अगस्त में अलकायदा ने भी भारत में पैर पसारने की घोषणा करते हुए नए संगठन की घोषणा की थी। अल कायदा की कोशिश भी आइएम और सिमी के पूर्व आतंकियों को जोड़कर संगठन खड़ा करने कोशिश कर रहा था। लेकिन अलकायदा को भी इसमें अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। पिछले महीने उससे जुड़े आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

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