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    भारत और बांग्लादेश के 700 युवाओं को आइएस से जोड़ चुका है जमील

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Thu, 17 Nov 2016 09:51 PM (IST)

    जमील को राजस्थान एटीएस ने बुधवार को सीकर जिले के फतेहपुर से गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के लिए एनआइए की टीम भी जयपुर पहुंच गई है।

    जयपुर, (जागरण संवाददाता)। इराक और सीरिया में सक्रिय आतंकी संगठन आइएस के आतंकियों को फंडिंग करने वाले बगदादी के खास गुर्गे जमील अहमद को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया। जयपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने उसे सात दिन के लिए एटीएस को रिमांड पर सौंप दिया। एटीएस सूत्रों के अनुसार, भारत और बांग्लादेश में वह 700 युवाओं को इस आतंकी संगठन से जोड़ चुका है। वह 15 दिन पहले ही भारत आया था।

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    जमील को राजस्थान एटीएस ने बुधवार को सीकर जिले के फतेहपुर से गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के लिए एनआइए की टीम भी जयपुर पहुंच गई है। राजस्थान एटीएस की पूछताछ में पता चला है कि 42 साल का जमील अहमद दुबई की एक बड़ी कंपनी में सीनियर मैनेजर के पद पर तैनात है। वह हवाला के जरिए आइएस के कमांडरों को पैसे पहुंचाता था।

    एटीएस के अनुसार, सीकर जिले के फतेहपुर का रहने वाला जमील पिछले दो साल में आइएस को 15 लाख रुपये हवाला के जरिए दे चुका है। जमील सोशल मीडिया के जरिए आइएस के प्रचार-प्रसार में भी लगा हुआ था।

    जमील ने राजस्थान, तमिलनाडु, उप्र और कर्नाटक में भी हवाला के जरिए पैसे पहुंचाए हैं। एटीएस की जांच में सामने आया है कि जमील सीरिया, इराक और बांग्लादेश सहित कई इस्लामिक देशों के लोगों से इंटरनेट के जरिये जुड़ा हुआ है। वह चैटिंग करता था और आइएस की गतिविधियों पर बातचीत प्रसारित-प्रचारित करता था।

    राजस्थान एटीएस के एडीजी उमेश मिश्रा के अनुसार, जमील को पासपोर्ट के बारे में पूछताछ का झांसा देकर बुलाया गया था। जब सोशल साइट टेलीग्राम और किक पर उसकी सक्रियता को दिखाया गया तो वह टूट गया और कहने लगा कि सीरिया और इराक में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। वहां पर जरूरतमंदों को पैसे देकर हमने क्या गलत काम किया है। जमील ने बीकॉम और एमबीए किया है।

    वह परिवार समेत कुवैत में नौकरी करता था। लेकिन 1990 में कुवैत पर सद्दाम हुसैन के हमले के बाद उसने परिवार को भारत भेज दिया और खुद दुबई आ गया। जहां पर एक निजी कंपनी में सीएसआर और एनजीओ फंडिग का काम देखने लगा। मगर 2014 में सोशल साइट के जरिए वह आइएस से जुड़ा और फिर सीरिया में सरकार को हटाने के लिए उन्हें पैसे भेजने लगा। एटीएस के अनुसार, 15 दिन पहले वह अपने परिवार से मिलने मुंबई आया था। यहां वह पालघर इलाके में रह रहा था।

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