हैड़ली ने किया खुलासा: ISI ने की मुंबई हमले की फंडिंग, आज भी होगी पूछताछ
मुंबई हमले के पीछे 'नान स्टेट एक्टर' का हाथ होने के पाकिस्तान के दावे की हवा निकालते हुए हेडली ने बताया कि हमले की योजना बनाने से लेकर उसके लिए फंडिंग तक की व्यवस्था में आइएसआइ की सक्रिय भूमिका थी।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मुंबई हमले में पाकिस्तानी हाथ होने की संलिप्तता का पर्दाफाश जारी है। विशेष अदालत में दूसरे दिन गवाही के दौरान लश्कर आतंकवादी डेविड कोलेमन हेडली ने कबूला कि पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आइएसआइ को हमले के लिए धन और आतंकियों को प्रशिक्षण देती है। मुंबई हमले के पीछे 'नान स्टेट एक्टर' का हाथ होने के पाकिस्तान के दावे की हवा निकालते हुए हेडली ने बताया कि हमले की योजना बनाने से लेकर उसके लिए फंडिंग तक की व्यवस्था में आइएसआइ की सक्रिय भूमिका थी।
ISI के इशारे पर काम करता है लश्कर
मुंबई हमले में आइएसआइ की सक्रिय भागीदारी का सबूत देते हुए हेडली ने कहा कि उसे हमले के टारगेट का वीडियो और फोटो लश्करे तैयबा का साजिद मीर के साथ-साथ आइएसआइ के मेजर इकबाल को भी देने को कहा गया था। टारगेट तक आतंकियों के पहुंचना सुगम बनाने के लिए हेडली को जीपीएस सिस्टम देकर भेजा गया था, जिससे वह उन रास्तों को मार्क कर सका था। हेडली के बयान से साफ है कि हमले की साजिश लश्करे तैयबा और आइएसआइ ने साथ मिलकर की थी। साल 2006 में मुजम्मिल, मेजर इकबाल और साजिद मीर ने मिलकर आतंकी हमले की जगह तय की थी।
एक साल पहले भी बनी थी हमले की योजना
हेडली के अनुसार 2007 के नवंबर में हेडली की साजिद मीर और अबु काफा के साथ बैठक में मुंबई के ताज होटल में रक्षा वैज्ञानिकों के सम्मेलन के दौरान आतंकी हमले की योजना पर विचार किया गया था। जिसमें भारत के सभी बड़े रक्षा वैज्ञानिकों को एक साथ खत्म कर दिया जाता। लेकिन सम्मेलन की सही तारीख पता नहीं होने और होटल में हथियार ले जाने की समस्या को देखते हुए इसे त्याग दिया गया। लेकिन इससे यह साफ हो गया था कि आइएसआइ और लश्कर इस बार मुंबई को निशाना बनाना चाहते हैं। अगले एक साल में हेडली को मुंबई के ताज होटल के साथ-साथ छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, पुलिस मुख्यालय, छाबड, हाऊस, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, नेवल एयर बेस जैसे कई स्थानों का वीडियो और फोटो भेजने में लगा दिया गया।
हेडली के मार्फत सेना में सेंध लगाने की साजिश
हेडली के अनुसार आइएसआइ ने उसे भारतीय सेना में घुसपैठ बनाने के लिए काम करने को कहा था, ताकि भारतीय सेना की खुफिया जानकारी आसानी से मिल सके। हेडली ने बताया कि आइएसआइ के मेजर अली और मेजर इकबाल ने उसे बताया था कि भारत में किस तरह अपने पैर जमाने हैं। मेजर इकबाल के साथ मीटिंग के दौरान वहां कर्नल रैंक का एक अधिकारी भी मौजूद था। मेजर इकबाल ने उसकी लश्कर कैंप में हुई ट्रेनिंग, पासपोर्ट और वीजा की भी जानकारी ली थी।
हेडली ने 2004 में लश्कर-ए-तैयबा से आतंकी ट्रेनिंग पूरी की थी। जहां हाफिज सईद और जकीउर्रहमान लखवी भी मौजूद थे। उस समय हेडली ने लश्करे तैयबा को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किए जाने को अमेरिकी अदालत में चुनौती देने का सुझाव दिया था। लेकिन लखवी ने इस सुझाव को मानने से इनकार कर दिया था क्योंकि ऐसे किसी भी कदम से पहले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से चर्चा करना जरूरी था।