क्या सचमुच कांग्रेस के दबाव में हैं केजरीवाल?
क्या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सचमुच कांग्रेस के दबाव में काम कर रहे हैं? आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक विनोद कुमार बिन्नी द्वारा मुख्यमंत्री को तानाशाह करार देकर उनके कांग्रेस से सांठगांठ करने संबंधी आरोपों को लेकर सूबे का सियासी माहौल गरमा गया है। आप के आला नेताओं ने बृहस्पतिवार को यह कह
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। क्या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सचमुच कांग्रेस के दबाव में काम कर रहे हैं? आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक विनोद कुमार बिन्नी द्वारा मुख्यमंत्री को तानाशाह करार देकर उनके कांग्रेस से सांठगांठ करने संबंधी आरोपों को लेकर सूबे का सियासी माहौल गरमा गया है। आप के आला नेताओं ने बृहस्पतिवार को यह कह कर विधायक बिन्नी के आरोपों को खारिज कर दिया है कि वह किसी और (भाजपा) की भाषा बोल रहे हैं। लेकिन शहर में चर्चा इस बात की हो रही है कि यदि कांग्रेस से दिल्ली की सरकार की कोई सांठगांठ नहीं है तो वह अपने वायदे के बावजूद कांग्रेस की पिछली शीला दीक्षित सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच से क्यों कतरा रही है?
सूबे की सरकार से जुड़े रहे एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा कि हमें इस बात का कोई डर नहीं है कि हमारे खिलाफ क्या जांच होने वाली है? ऐसे में सियासी हलकों में चर्चा यह हो रही है कि यदि कांग्रेसी नेताओं का दावा सही है तो इसका यह भी मतलब निकाला जाना लाजिमी है कि चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ बिजली, पानी, राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन आदि को लेकर भ्रष्टाचार की जो बातें कही थीं, वह महज चुनावी आरोप थे। दिल्ली विधानसभा के हाल ही में संपन्न विधानसभा सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. हर्षवर्धन ने इस मसले को सदन में उठाया था और मुख्यमंत्री से यह जानना चाहा था कि आखिर वह कौन सी विवशता है जिसकी वजह से वह अपने उस वायदे से मुकर रहे हैं जिसके तहत उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित व उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को जेल भेजने की बात कही थी।
केजरीवाल ने उनके सवालों का सदन में कोई जवाब नहीं दिया था। कहा यह भी जा रहा है कि केजरीवाल के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले बिन्नी अकेले विधायक नहीं हैं। उनके साथ पार्टी के कुछ और विधायक भी हैं। सियासी जानकारों की मानें तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि अरविंद केजरीवाल की सरकार का वजूद कांग्रेस के आठ सदस्यों के समर्थन पर निर्भर है। आप के नेता भले यह कहें कि उन्होंने कांग्रेस से कभी कोई समर्थन नहीं मांगा लेकिन मामला चाहे विश्वास मत का हो अथवा विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव का, कांग्रेस के ही समर्थन से उन्होंने जीत हासिल की।
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