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    कोयला व ऊर्जा मंत्रालय तक पहुंची जासूसी की आंच

    By Gunateet OjhaEdited By:
    Updated: Mon, 23 Feb 2015 10:48 PM (IST)

    पेट्रोलियम मंत्रालय से सरकार की नीतिगत गोपनीय दस्तावेज गायब कर कंपनियों को बेचने की आंच अब कोयला और ऊर्जा मंत्रालय तक पहुंच चुकी है। दिल्ली पुलिस ने नए मॉडयूल का खुलासा करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पेट्रोलियम मंत्रालय से सरकार की नीतिगत गोपनीय दस्तावेज गायब कर कंपनियों को बेचने की आंच अब कोयला और ऊर्जा मंत्रालय तक पहुंच चुकी है। दिल्ली पुलिस ने नए मॉडयूल का खुलासा करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।

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    उसकी पहचान लोकेश शर्मा (33) के रूप में हुई है। वह ऊर्जा व कोयला मंत्रालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से गोपनीय दस्तावेज चोरी कर ऊर्जा कंपनियों को महंगे दामों में बेचता था। इस मामले में पुलिस ने सात लोगों को हिरासत में भी लिया है।

    संयुक्त पुलिस आयुक्त रविंद्र यादव ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्रालय में जासूसी कांड की जांच के दौरान लोकेश के बारे में सूचना मिली थी। इसके बाद एसीपी अशोक चांद और डीसीपी भीष्म सिंह की अगुवाई में टीम गठित की गई। यह टीम कई दिनों से उस पर नजर रखे हुए थी।

    आखिरकार रविवार रात को द्वारका इलाके से आरोपी लोकेश को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि लोकेश शर्मा नोएडा सेक्टर-तीन स्थित एनर्जी फर्म इंफ्रालाइन में कंसल्टेंट के पद पर कार्य कर रहा था। बता दें कि फर्म इंफ्रालाइन की एक मैगजीन इंफ्रा प्लस के नाम से भी आती है।

    सात कर्मचारी हिरासत में

    पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने बताया कि सात कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है। इसमें तीन कोयला, तीन पेट्रोलियम व एक ऊर्जा मंत्रालय के कर्मचारी हैं। पुलिस सभी से मामले में इनकी संलिप्तता संबंधी पूछताछ कर रही है। वहीं लोकेश के खिलाफ जबरन घुसने, चोरी, आपराधिक साजिश व धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

    पेट्रोलियम मंत्रालय में कर चुका है काम

    लोकेश के पिता पेट्रोलियम मंत्रालय में ड्राइवर का काम करते थे। लोकेश भी यहां मल्टी टास्किंग स्टॉफ में काम कर चुका है। इसलिए मंत्रालय के कर्मचारियों से इसकी अच्छी जान-पहचान थी। काम करने के दौरान ही धीरे-धीरे वह ऊर्जा व कोयला मंत्रालय के कर्मचारियों से भी मिलने-जुलने लगा। फिर कर्मचारियों की मिलीभगत से वह गोपनीय दस्तावेज चोरी करने लगा। पुलिस के मुताबिक, लोकेश पिछले एक-डेढ़ साल से दस्तावेज चोरी करके वरिष्ठ पत्रकार शांतनु सैकिया व प्रयास जैन को बेच रहा था।

    दो से तीन लाख लेता था कमीशन

    प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि लोकेश ने अब तक हाइड्रो पॉवर, कोल माइंस समेत कोल ब्लॉक आवंटन से जुड़ी गोपनीय जानकारियां बेची है। वह एक दस्तावेज बेचने पर दो से तीन लाख रुपये वसूलता था। इसके अलावा इंफ्रालाइन से तनख्वाह के साथ-साथ प्रति दस्तावेज इंसेंटिव भी वसूलता था। यह राशि भी लाखों में होती थी।