बीमा पर प्रवर समिति को मिला और समय
नई दिल्ली।बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने को लेकर गठित संसद की प्रवर समिति का कार्यकाल 12 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। समय सीमा बढ़ाने और दो सदस्यों को नामित करने पर मंगलवार को राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ। सदन के नेता व वित्त
नई दिल्ली।बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने को लेकर गठित संसद की प्रवर समिति का कार्यकाल 12 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। समय सीमा बढ़ाने और दो सदस्यों को नामित करने पर मंगलवार को राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ। सदन के नेता व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नियमों का हवाला देकर विपक्ष के हमले को कमजोर कर दिया।
उन्होंने समिति को भंग करने अथवा बनाए रखने का अधिकार सदन को सौंप कर विपक्ष को असमंजस में डाल दिया। जेटली ने कहा कि अगर सदन चाहता है कि समिति को समय न दिया जाए तो सरकार कल बीमा विधेयक पेश करने के लिए तैयार है। मुख्तार अब्बास नकवी और जेपी नड्डा के मंत्री बनाए जाने से खाली हुए स्थानों पर रंगासायी रामकृष्ण और पी. सिंह बड़नौर को नामित किया गया।
विपक्ष ने कहा, हमें फैसले की जानकारी नहीं
प्रवर समिति के अध्यक्ष चंदन मित्रा ने समिति का कार्यकाल 28 नवंबर से बढ़ाकर 12 दिसंबर तक करने प्रस्ताव पेश किया। इस पर तृणमूल कांग्रेस, सपा और वामपंथी सदस्य उखड़ गए। कांग्रेस के आनंद शर्मा व जेडी सीलम, माकपा के राजीव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन और जदयू के केसी त्यागी ने इसका विरोध किया। उन्होंने समिति में दो सदस्यों को नामित करने और कार्यकाल बढ़ाने के फैसले से खुद के अनभिज्ञ होने पर आश्चर्य जताया। इस पूरे घटनाक्रम से बसपा ने खुद को अलग कर लिया था।
विपक्षी सदस्य प्रक्रियागत खामियां गिनाते हुए प्रस्ताव वापस लेने की मांग करते रहे। मित्रा ने प्रस्ताव वापस लेने से इंकार कर दिया। बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 26 फीसद से बढ़ाकर 49 फीसद करने वाला संशोधन विधेयक पिछले सत्र में कांग्रेस के भारी विरोध के चलते पारित नहीं हो पाया था। कांग्रेस के दबाव के चलते ही बीमा संशोधन विधेयक-2008 प्रवर समिति को सौंपा गया था।
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