हाउस ऑफ कामंस में कश्मीर मुद्दा उठाने पर भारत ने लगाई ब्रिटेन को फटकार
स्वरूप ने ब्रिटिश सांसद डेविड नटाल के कश्मीर संबंधी अर्जी पर हाउस ऑफ कामंस में बहस को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
नई दिल्ली, प्रेट्र : हाउस ऑफ कामंस में जम्मू-कश्मीर को लेकर गुरुवार को हुई बहस से खफा भारत ने ब्रिटेन को कड़ी फटकार लगाई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप का दो टूक कहना है, 'जम्मू-कश्मीर पर हमारा बेहद स्पष्ट दृष्टिकोण है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मसलों को शिमला समझौते और लाहौर घोषणा के तहत द्विपक्षीय बातचीत के जरिये शांति से सुलझाया जाएगा। इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका की कोई गुंजाइश नहीं है।'
स्वरूप ने ब्रिटिश सांसद डेविड नटाल के कश्मीर संबंधी अर्जी पर हाउस ऑफ कामंस में बहस को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। ब्रिटिश संसद में बहस के दौरान सांसदों ने घाटी में बढ़ती हिंसा के प्रति चेताया। कंजरवेटिव पार्टी के एमपी बॉब ब्लैकमैन ने कहा, 'किसी भी संप्रभु राष्ट्र के अंदरुनी मामले में दखल देने का ब्रिटेन का कोई इरादा नहीं है। लेकिन हम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के निर्दोष लोगों की तकलीफों को दूर करने के लिए मदद को तैयार हैं।' बकौल ब्लैकमैन, '1990 में आज ही के दिन कश्मीरी हिंदुओं को अपना घर छोड़कर घाटी से भागने के लिए बाध्य किया गया। मैं इस विषय पर पिछले 27 वर्षो से बोल रहा हूं।
'कश्मीर समस्या के समाधान में नए UN प्रमुख को भी है दिलचस्पी'
जम्मू-कश्मीर में बढ़ती हिंसा और मानवाधिकारों का उल्लंघन लगातार चिंता का विषय बना हुआ है। ब्रिटिश सरकार इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाए।' बहस में नटाल के अलावा राबर्ट फ्लेलो, अशरफ गनी और फियोना मैक्टागार्ट सहित कई संासदों ने भाग लिया। इनका कहना था कि कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान को बातचीत शुरू करने के लिए भी प्रेरित किया जाना चाहिए। ब्रिटिश सरकार इस दिशा में ठोस प्रयास शुरू करे।
शांति के लिए कश्मीर मुद्दे का पहले समाधान हो : राहिल शरीफ
पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ ने फिर कश्मीर राग अलापा है। उनका कहना है, 'पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन कश्मीर मुद्दा प्रमुख है। शांति के लिए इस मसले का पहले समाधान जरूरी है।'
वर्ल्ड इकोनामिक फोरम से इतर 'पाकिस्तान ब्रेकफास्ट' कार्यक्रम में जनरल शरीफ ने कहा कि कश्मीर भारत-पाक बंटवारे का एक अनसुलझा एजेंडा है। इस क्षेत्र में शांति के लिए इस समस्या को सुलझाया जाना बेहद जरूरी है। जैसे ही कश्मीर मसला हल हो जाएगा, वैसे ही शांति आ जाएगी।