Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मनाली में मुलाकात, गोवा में प्यार और रूसी ओल्गा के हो गए धर्मेद्र

    By Edited By:
    Updated: Wed, 21 Aug 2013 12:55 PM (IST)

    कहते हैं जोड़ियां ऊपर से बनकर आती हैं। इस कहावत को सही साबित किया है रूस की ओल्गा और मंडी के धर्मेद्र सिंह ने। भारत घूमने आई ओल्गा को मंडी का रहने वाला ...और पढ़ें

    Hero Image

    मंडी [विनोद भावुक]। कहते हैं जोड़ियां ऊपर से बनकर आती हैं। इस कहावत को सही साबित किया है रूस की ओल्गा और मंडी के धर्मेद्र सिंह ने। भारत घूमने आई ओल्गा को मंडी का रहने वाला धर्मेद्र इतना भाया कि उन्होंने भारतीय विधि-विधान से शादी करके अब यहीं रहने का फैसला किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रूस के रोस्टोव ऑन डोन कस्बे की 26 वर्षीय ओल्गा ने मंडी की सकोर घाटी के झांखीधार गांव के 25 वर्षीय धर्मेद्र सिंह को अपना जीवन साथी बनाया है। दोनों पक्षों की सहमति से हुए अलग-अलग संस्कृतियों के इस संगम में न तो देशों की सीमाएं आड़े आई और न ही धर्म बाधक बना। 19 अगस्त को इस नवदंपति ने मंडी जिला मुख्यालय पहुंचकर अधिवक्ता कमल सैणी के माध्यम से शादी के पंजीकरण के लिए आवेदन किया। उन्होंने मंडी के राज देवता माधोराय मंदिर में पहुंचकर आशीर्वाद प्राप्त किया।

    मनाली में मुलाकात, गोवा में प्यार

    चार साल पहले ओल्गा रूस से अपने दोस्तों के साथ मनाली घूमने आई थी। यहां पैराग्लाइडिंग करते समय उसकी मुलाकात पैराग्लाइडर धर्मेद्र सिंह से हुई। पहली मुलाकात में धर्मेद्र उसके दिल में उतर गया। हालांकि दोनों एक-दूसरे की भाषा नहीं समझते थे, इसके बावजूद वे करीब आते गए। एक साल बाद ओल्गा फिर भारत घूमने आई और गोवा में दोनों का प्यार परवान चढ़ा। तीसरी बार ओल्गा धर्मेद्र से शादी का फैसला करके ही भारत आई और दोनों पराशर मंदिर में विधिवत परिणय सूत्र में बंध गए।

    गोरी बन गई ठेठ पहाड़न

    ओल्गा के समर्पण का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने पश्चिमी परिधानों की जगह सकोर घाटी के ग्रामीण परिवेश में प्रचलित पहनावे को अपना लिया है। हाथों में सुहाग चूड़ा पहने और मांग में सिंदूर सजाए ओल्गा अब मंडयाली व हिंदी सीख रही है। गोरी से वह ठेठ पहाड़न बन गई हैं। गांव के एक साधारण कृषक परिवार की बहू बनी ओल्गा खेतीबाड़ी का काम पूरी लगन के साथ करती हैं। यह भी कम रोचक नहीं है कि बिना रूसी भाषा पढ़े धर्मेद्र यह भाषा बोलना व समझना सीख गया है। मनोविज्ञान की पढ़ाई करने वाली ओल्गा कहती हैं कि उसे अपने फैसले पर हमेशा गर्व रहेगा। वह एक आदर्श भारतीय बहू की तरह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगी।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर