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    सरहद पार कर उग्रवादियों को मारा, INDIANARMYROCKS बना ट्रेंड

    By Sanjay BhardwajEdited By:
    Updated: Wed, 10 Jun 2015 10:49 AM (IST)

    भारतीय सेना ने मंगलवार सुबह म्यांमार की सीमा में घुसकर मणिपुर हमले के जिम्मेदार लगभग 20 उग्रवादियों को मार गिराया। इस घटना के बाद भारतीय सेना की यह सफलता देश में सोशल मीडिया पर छाई हुई है। आज INDIANARMYROCKS ट्रेंड कर रहा है।

    नई दिल्ली। भारतीय सेना ने मंगलवार सुबह म्यांमार की सीमा में घुसकर मणिपुर हमले के जिम्मेदार लगभग 20 उग्रवादियों को मार गिराया। उग्रवादियों के दो अड्डे ध्वस्त कर दिए गए। म्यांमार सरकार के समन्वय से सेना ने यह सफल कार्रवाई की। इस घटना के बाद भारतीय सेना की यह सफलता देश में सोशल मीडिया पर छाई हुई है। आज INDIANARMYROCKS ट्रेंड कर रहा है।

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    सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ सेना की यह पहली बड़ी कार्रवाई है। आजादी के बाद पहली बार हुए इस तरह के सैन्य ऑपरेशन से भारत ने आतंकी गुटों को कड़ा संदेश दिया है। सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बांग्लादेश गए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल बीच दौरे से लौट आए थे।

    सेना के मिलिट्री ऑपरेशन के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल रणबीर सिंह ने कहा कि चार जून को 18 सैनिकों की हत्या करने वाले उग्रवादी और नए हमलों की योजना बना रहे थे। आतंकी तैयारियों की पुख्ता खुफिया जानकारी मिलने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई जरूरी हो गई थी।

    सेना ने मणिपुर और नगालैंड की सीमा से लगे म्यांमार के इलाके में दो स्थानों पर एक साथ कार्रवाई की। पूरे ऑपरेशन में सेना का कोई जवान जख्मी नहीं हुआ है। पूर्वोत्तर में दो दर्जन उग्रवादी संगठन सक्रिय हैं और उनमें से ज्यादातर ने म्यांमार के काचीन प्रांत में ट्रेनिंग कैंप और बेस बना रखा है।

    18 जवान शहीद हुए थे
    चार जून को मणिपुर के चंदेल जिले में उग्रवादियों ने सेना की 6 डोगरा रेजीमेंट पर रॉकेट चालित ग्रेनेड व अत्याधुनिक हथियारों से हमला किया था। उसमें 18 जवान शहीद हो गए थे। तब रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। मंगलवार की कार्रवाई में मणिपुर में हमला करने वाले एनएससीएन (खापलांग) और कांगलेई यावोल कन्ना लुप (केवाईकेएल) के ठिकानों को निशाना बनाया गया।

    जॉइंट एक्शन नहीं 'हॉट परस्यूट'
    पूर्वोत्तर में लंबे समय तक पदस्थ रहे मेजर जनरल (रिटायर्ड) अशोक मेहता ने बताया कि सेना के ऐसे अभियान का 'हॉट परस्यूट' कहा जाता है। अमेरिका और चीन ऐसे अभियान चलाता है। इसमें म्यांमार को सूचना देकर उसके समन्वय से यह कार्रवाई की गई। भारतीय सेना अध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह सुहाग पूर्वी कमान के भी प्रमुख रहे हैं। उन्हें चप्पे-चप्पे की जानकारी है। उन्होंने इसे बखूबी अंजाम दिया है।

    उच्च स्तर पर हुआ फैसला
    -सूत्रों के अनुसार इस पूरी योजना को दिल्ली में उच्च स्तर पर हरी झंडी दी गई।
    -कार्रवाई करने के पहले उच्च स्तर पर ही म्यांमार सरकार से संपर्क किया गया।
    -म्यांमार सरकार और वहां की सेना को भरोसे में लेने के बाद ऑपरेशन का रास्ता साफ हो गया।
    -आपरेशन शुरू करने के पहले वायुसेना की मदद से उग्रवादियों के ठिकानों की तस्वीरें खींची गईं।
    -तस्वीरों के आकलन के बाद हेलीकॉप्टर से सेना के विशेष दस्ते ने शिविरों को निशाना बनाया।

    'हमारा जो भी पड़ोसी हमारे यहां आतंक फैलाना चाहता है, उसके लिए संदेश बहुत स्पष्ट है। प्रधानमंत्री ने एक साहसिक फैसला लिया और सेना को म्यांमार में घुसकर कार्रवाई के लिए हरी झंडी दे दी।'
    -राज्यवर्धन राठौर, सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री

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