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    पेरिस समझौते को मंजूरी देगा भारत, अमेरिका ने की सराहना

    By Atul GuptaEdited By:
    Updated: Mon, 26 Sep 2016 08:04 AM (IST)

    पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का कहना है कि अब तक 50 से अधिक देश इस समझौते को स्वीकार कर चुके हैं। भारत में यह अधिकार प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट को प्राप्त है।

    कोझिकोड, जागरण ब्यूरो। सरकार गांधी जयंती के दिन जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते को स्वीकार करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यह ऐलान किया। भारत के इस कदम से जलवायु परिवर्तन की समस्या से लड़ने की इस वैश्रि्वक संधि के इस साल के अंत से लागू होने का रास्ता साफ हो जाएगा। भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा कि अमेरिका पीएम मोदी के इस फैसले का स्वागत करता है। जलवायु को बचाने के लिए भारत अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है।

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    प्रधानमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्य परिषद में यह अहम घोषणा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दो अक्टूबर को जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते को मंजूरी दे देगा। उल्लेखनीय है कि यह समझौता 12 दिसंबर 2015 को फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुआ था। इसके बाद इस साल 22 अप्रैल को भारत ने इस पर हस्ताक्षर किए थे। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद भारत इस समझौते की शर्र्तो का पालन करने के लिए बाध्य हो जाएगा। भारत ने पिछले साल दो अक्टूबर को ही जलवायु परिवर्तन की समस्या से लड़ने के लिए अपनी कार्ययोजना सार्वजनिक की थी।

    अब तक 61 देश पेरिस समझौते को मंजूरी दे चुके हैं जिसमें दुनिया मंे सर्वाधिक प्रदूषण करने वाले दो देश- चीन और अमेरिका भी शामिल हैं। चीन और अमेरिका ने इस समझौते को तीन सितंबर को मूंजरी दी है।

    संयुक्त राष्ट्र के प्रावधान के अनुसार अगर वैश्रि्वक उत्सर्जन मंे 55 प्रतिशत से अधिक योगदान करने वाले 55 देश इस समझौते को मंजूरी दे देते हैं तो यह लागू हो जाएगा। अब तक इसे मंजूरी देने वाले देशों की संख्या 55 को पार कर गयी है लेकिन इन सभी देशों का वैश्रि्वक उत्सर्जन में योगदान लगभग 48 प्रतिशत है। भारत विश्र्व का 4.1 प्रतिशत उत्सर्जन करता है। इस तरह दो अक्टूबर को भारत के यह समझौता स्वीकार करने पर अब तक इसे मंजूरी दे चुके देशों के कुल उत्सर्जन की सीमा 55 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी और इसके बाद यह क्रियान्वयन के और नजदीक पहुंच जाएगा।

    पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का कहना है कि अब तक 50 से अधिक देश इस समझौते को स्वीकार कर चुके हैं। भारत में यह अधिकार प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट को प्राप्त है। आज प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि हम पेरिस समझौते को मंजूरी प्रदान करेंगे। इस समझौते में जलवायु परिवर्तन के संबंध में जो लक्ष्य तय किए गए थे, उन्हें प्राप्त करने के लिए सभी देश मिलकर आगे बढ़ेंगे। विश्र्व मंच पर भारत की ओर से यह बड़ा कदम है।

    उल्लेखनीय है कि जापान, कनाडा और आस्ट्रेलिया ने अभी तक पेरिस समझौते को स्वीकार नहीं किया है। उन्हें इसके लिए संसद से मंजूरी लेनी होगी। इसी तरह यूरोपीय संघ, दक्षिण अफ्रीका और रूस ने भी अभी इस समझौते को मंजूरी नहीं दी है।

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