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    भारत में भी मिलेगा हाई-स्‍पीड इंटरनेट, इसरो के नए सेटेलाइट ऐसे करेंगे काम

    By Pratibha Kumari Edited By:
    Updated: Sun, 21 May 2017 01:47 PM (IST)

    तीन नए कम्‍यूनिकेशन सेटेलाइट को लॉन्‍च कर इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) की देश को हाई-स्‍पीड इंटरनेट की दुनिया में एंट्री दिलवाने की योजना है।

    भारत में भी मिलेगा हाई-स्‍पीड इंटरनेट, इसरो के नए सेटेलाइट ऐसे करेंगे काम

    नई दिल्‍ली। भले ही पिछले साल अमेरिका को पछाड़ते हुए भारत चीन के बाद विश्‍व का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट यूजर्स वाला देश बन गया है, मगर इंटरनेट स्‍पीड के मामले में यह अब भी कई एशियाई देशों से पीछे है। हालांकि अगले 18 महीनों में इस स्थिति को बदलने की तैयारी है, क्‍योंकि तीन नए कम्‍यूनिकेशन सेटेलाइट को लॉन्‍च कर इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) की देश को हाई-स्‍पीड इंटरनेट की दुनिया में एंट्री दिलवाने की योजना है।

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    टाइम्‍स ऑफ इंडिया से बातचीत में इसरो अध्‍यक्ष किरण कुमार ने कहा, 'हम तीन कम्‍यूनिकेशन सेटेलाइट को लॉन्‍च करेंगे। जून में, GSAT-19, उसके बाद GSAT-11 और फिर GSAT-20। GSAT-19 को भारत के नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्च व्हीकल के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा। इसमें क्रायोजेनिक इंजन लगा हुआ है, जो कि 4 टन क्षमता के सेटेलाइट को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में पहुंचाने की क्षमता रखता है। ये सेटेलाइट मल्टीपल स्पॉट बीम (एक विशेष तरह की हाईफ्रीक्वेंसी पर काम कर सकने वाला ट्रांसपोन्डर) का इस्तेमाल करेंगी, जिससे इंटरनेट स्‍पीड व कनेक्टिविटी तेज होगी। मल्टीपल बीम के जरिए पूरे देश को कवर किया जाएगा।'

    एक तरह से स्‍पॉट बीम (सेटेलाइट पर लगे हाई गेन एंटीना के जरिए सिग्नल भेजता है) एक सेटेलाइट सिग्नल है, जो धरती के एक सीमित क्षेत्र को ही कवर कर पाता है। तीन सेटेलाइट के जरिए बीम (सिग्नल) छोटे क्षेत्रों में कई बार डाली जाएगी। वहीं सिंगल बीम एक बार ही एक बड़े क्षेत्र में डाली जाती है। इसकी वजह से इसका सिग्नल हाई स्पीड इंटरनेट सुविधा नहीं दे पाता है। अहमदाबाद स्थित स्‍पेस एप्‍लीकेशन सेंटर के डायरेक्‍टर तपन मिश्रा ने बताया कि एक बार जब ये तीनों सेटेलाइट संचालित हो जाएंगे तो हाई क्‍वालिटी इंटरनेट स्‍पीड के साथ फोन व वीडियो सर्विस मुहैया कराने में भी सक्षम होंगे।

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