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वाजपेयी के पदचिन्हों पर नहीं चल रहे मोदी: महबूबा

पाकिस्तान से वार्ता रद करने के केंद्र सरकार के फैसले को अनुचित ठहराते हुए पीडीपी प्रधान और सांसद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पदचिन्हों पर नहीं चल रहे हैं। गोलाबारी से सीमा पर बने हालात के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि द

By Edited By: Published: Sat, 30 Aug 2014 09:56 AM (IST)Updated: Sat, 30 Aug 2014 09:57 AM (IST)
वाजपेयी के पदचिन्हों पर नहीं चल रहे मोदी: महबूबा

जम्मू, राज्य ब्यूरो। पाकिस्तान से वार्ता रद करने के केंद्र सरकार के फैसले को अनुचित ठहराते हुए पीडीपी प्रधान और सांसद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पदचिन्हों पर नहीं चल रहे हैं। गोलाबारी से सीमा पर बने हालात के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर पाकिस्तान से रक्षा मंत्री स्तर पर बातचीत की प्रक्रिया शुरू की जाए। पड़ोसी देश से बेहतर रिश्तों के लिए केंद्र सरकार को वैसे कदम उठाने चाहिए जैसे अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने समय में उठाए थे। विश्वास बहाली के लिए वाजपेयी ने राज्य में सड़क खोलने के साथ बस सेवा शुरू कर अच्छी पहल की थी।

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जम्मू के सीमावर्ती इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लेने वाली महबूबा शुक्रवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं। विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद करने का हवाला देते हुए महबूबा ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह फैसला सही नहीं लगा। पिछले डेढ़ महीने से गोलाबारी का सामना कर रहे लोग शांति चाहते हैं। गोलाबारी से कई लोगों को जान गंवानी पड़ी और हजारों बेघर हो गए हैं। कोई भी गोलीबारी नहीं चाहता और यह बातचीत से ही संभव है। युद्ध करना आसान है, लेकिन बातचीत की प्रक्रिया से हालात बेहतर बनाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि सीमा पर गोलीबारी के लिए डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन को नहीं अपितु रक्षा मंत्रियों को जिम्मेदार होना चाहिए। डीजीएमओ स्तर पर बातचीत होती रहती है। अब हालात में बेहतरी के लिए रक्षा मंत्री स्तर की बैठक होनी चाहिए।

दोनों देशों के बीच सही मायने में संघर्ष विराम लागू करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि पहले काफी समय तक दोनों देशों के बीच युद्द विराम प्रभावी रहा था। बाद में कुछ ऐसे कदम उठाए गए, जिनसे संघर्ष विराम खत्म हो गया। पाकिस्तान से वार्ता की पैरवी करने संबंधी महबूबा का बयान विधान परिषद में पारित प्रस्ताव के ठीक एक दिन बाद आया है। गुरुवार को विधान परिषद ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार पर पाकिस्तान से वार्ता शुरू करने के लिए जोर डाला था।

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