काले धन की वापसी के लिए भारत को करना होगा इंतजार
नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सत्ता में आने के बाद वह विदेशों में जमा काला धन स्वदेश लेकर आएंगे। प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने काले धन की जांच के लिए विशेष जांच दल(एसआइटी) का भी गठन कर दिया था। लेकिन काले धन के भारत लौटने में अभी लंबा
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सत्ता में आने के बाद वह विदेशों में जमा काला धन स्वदेश लेकर आएंगे। प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने काले धन की जांच के लिए विशेष जांच दल(एसआइटी) का भी गठन कर दिया था। लेकिन काले धन के भारत लौटने में अभी लंबा समय लगेगा। भारत को स्विट्जरलैंड से ‘स्वत: सूचनाओं के आदान प्रदान’ के ढांचे के तहत भारतीयों के बैंक खातों की जानकारी प्राप्त करने के लिए 2018 तक इंतजार करना होगा।
विश्व के कई कर पनाहगाह देशों में जमा काले धन पर अंकुश के लिए कदम उठा रहे हैं। भविष्य में काले धन पर अंकुश के लिए वित्त मंत्री अरण जेटली ने कहा था कि दुनिया सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान की दिशा में आगे बढ़ रही है। विदेशों में काले धन पर अंकुश के लिए भारत ने अपने प्रयास तेज किए हैं। मौजूदा कानून सरकार को 16 साल तक पुराने कर आकलन मामलों को खोलने की अनुमति देता है। विदेशों में बेहिसाबी धन पर कर लगाने के मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय कर अधिकारियों के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती मामले को मजबूती से पेश करने की है।
स्विट्जरलैंड सरकार की नई रिपोर्ट के अनुसार, ‘स्वत: सूचनाओं के आदान प्रदान के ढांचे को अपनाने वाले समूह की योजना 2016 से आंकड़े संग्रहीत करने की है और उसकी पहली बार सितंबर, 2017 में सूचनाओं के आदान प्रदान की योजना है।’ हालांकि, इस ढांचे के तहत स्विट्जरलैंड पहली बार सूचनाओं का आदान प्रदान साल 2018 में करेगा। इसके तहत जिन सूचनाओं को साझा किया जाएगा उनमें खाता नंबर, नाम, पता, जन्मतिथि, कर पहचान संख्या, ब्याज और लाभांश, कुछ बीमा पालिसियों से प्राप्तियां, खाते में क्रेडिट बैलेंस के अलावा वित्तीय परिसंपत्तियों की बिक्री से प्राप्तियां शामिल हैं।
नरेंद्र मोदी समेत कई भाजपा नेताओं ने दावा किया था कि विदेशों में जमा काला धन जल्द ही स्वदेश लौट आएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो देश की जनता को यह सपना भी दिखा दिया था कि काला धन स्वेदश लौटता है, सभी लोगों के खातों में 15-15 लाख रुपये आ जाएंगे। हालांकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बाद में इसे एक जुमला बता दिया। लेकिन इसे लेकर सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी नेता अन्ना हजारे ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान भी कर दिया है।
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