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मोदी की सख्ती के बाद चुमार से लौटे चीनी फौजी, डेमचोक में स्थिति जस की तस

चीन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सख्त और खरी बात का सीधा असर सीमा पर दिखाई दिया। चीनी राष्ट्रपति शी चिन फिंग के साथ मुलाकात में उनकी ओर से घुसपैठ का मुद्दा उठाते ही चीनी फौजी लद्दाख के चुमार इलाके से पीछे हटने लगे।

By Edited By: Published: Thu, 18 Sep 2014 10:39 PM (IST)Updated: Fri, 19 Sep 2014 09:46 AM (IST)
मोदी की सख्ती के बाद चुमार से लौटे चीनी फौजी, डेमचोक में स्थिति जस की तस

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। चीन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सख्त और खरी बात का सीधा असर सीमा पर दिखाई दिया। चीनी राष्ट्रपति शी चिन फिंग के साथ मुलाकात में उनकी ओर से घुसपैठ का मुद्दा उठाते ही चीनी फौजी लद्दाख के चुमार इलाके से पीछे हटने लगे। हालांकि, अभी उनके पूरी तरह वास्तविक नियंत्रण रेखा [एलएसी] के दूसरी ओर वापस लौट जाने की पुष्टि नहीं हो पाई है। दोनों फौजों के बीच फिर फ्लैग मीटिंग की तैयारी है।

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लेकिन चुमार से करीब आठ किमी दूर डेमचक इलाके में चीनी खानाबदोश जाति के घुसने और भारतीय क्षेत्र में चल रहे नहर निर्माण कार्य को रुकवाने की कोशिश के कारण बनी तनाव की स्थिति जस की तस है। सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना के सहयोग से उसके नागरिक भारतीय इलाके में करीब 500 मीटर तक अंदर आ गए हैं। वे मनरेगा के तहत बन रही नहर के काम को रुकवाने के लिए डेरा डाले हुए हैं।

गुरुवार को यहां हैदराबाद हाउस में चीनी राष्ट्रपति के साथ हुई द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान मोदी ने एलएसी पर चीनी सेना के दुस्साहस का मुद्दा गंभीरता से उठाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि आपसी विश्वास और सहयोग के माहौल को ये घटनाएं काफी कमजोर करती हैं। इस मुलाकात के तुरंत बाद चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी [पीएलए] के जवान भारतीय इलाके में लद्दाख इलाके के चुमार से पीछे हटने लगे। देर शाम तक मिली सूचना के मुताबिक वे उस इलाके से कई किलोमीटर पीछे पहुंच गए हैं। हालांकि, उनके वापस एलएसी पार कर अपने इलाके में पहुंच जाने की सूचना अभी नहीं मिल सकी है। उधर, भारतीय सेना ने दोबारा उस जगह अपने जवानों की टुकड़ी भेज दी है।

सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को हुई शीर्ष स्तरीय बातचीत के दौरान शुरुआत में पहले से तय मुद्दों पर बातचीत हुई, लेकिन इसके तुरंत बाद भारत की ओर से यह मुद्दा भी उठाया गया। इस बारे में पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अकबरुद्दीन ने कहा,'हाल की इन घटनाओं सहित सभी मुद्दे इस बैठक के दौरान उठाए गए और आगे भी उठाए जाते रहेंगे।' बैठक में भारत ने साफ तौर पर कहा कि चीनी सैनिकों को पूरी तरह एलएसी के पार लौट जाना होगा। साथ ही भविष्य में भी ऐसे दुस्साहस से बचना होगा।

चीनी राष्ट्रपति की भारत यात्रा से ऐन पहले चीनी सेना के जवान लद्दाख इलाके के चुमार तक आ घुसे थे। मंगलवार को कुछ फौजी चुमार से लौट गए थे, तब माना गया था कि बाकी भी जल्दी ही लौट जाएंगे लेकिन बुधवार को ही लगभग सौ फौजी फिर घुस आए। दोनों सेना के अधिकारियों के बीच हुई फ्लैग मीटिंग से भी इसका समाधान नहीं हो सका। यहां तक कि बुधवार तड़के तक स्थिति तनावपूर्ण थी। चीनी सेना के हेलीकॉप्टरों ने भारतीय सीमा क्षेत्र में घुसे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी [पीएलए] के लिए खाने के पैकेट गिराए थे। खबरों के अनुसार लेह से करीब 300 किलोमीटर दूर चुमार के तीन क्षेत्रों में घुसे चीनी सैनिकों की संख्या करीब 600 थी। अब चीनी सेना की वापसी के बाद भारतीय सेना के अधिकारियों ने चीन के साथ दोबारा फ्लैग मीटिंग के लिए अनुरोध किया है। उम्मीद है कि इस मुद्दे में भविष्य के लिए भी आपसी सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी।

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