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    Income Tax: बजट में मिडिल क्लास को टैक्स में बड़ी राहत, आयकर सीमा घटी

    By Kishor JoshiEdited By:
    Updated: Thu, 02 Feb 2017 01:03 PM (IST)

    वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में बजट 2017-18 पेश कर दिया है। बजट की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि इनकम टैक्स घटाकर मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी गई है।

    Income Tax: बजट में मिडिल क्लास को टैक्स में बड़ी राहत, आयकर सीमा घटी

    नई दिल्ली (जेएनएन)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज आम बजट पेश करते हुए कई घोषणाएं की। आम आदमी के लिए इस बजट में सबसे बड़ी राहत की बात इनकम टैक्स (आयकर) में मिलने वाली छूट है। तीन लाख तक की सालाना आमदनी वाले लोगों को अब कोई टैक्स नहीं देना होगा।

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    आपको बता दें कि इससे पहले सबसे कम वाला आयकर स्लैब 10 फीसदी था जो अब घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री जेटली ने भारत के सभी नागरिकों से यह अपील की कि यदि उनकी आय 2.5 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक के सबसे निचले स्लैब के अंतर्गत आती है तो वे 5 प्रतिशत कर की छोटी सी अदायगी करते हुए राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनें।

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    जेटली ने कहा कि सरकार कर के दायरे में ऐसे लोगों को भी लाने का प्रयास कर रही है, जो करों की चोरी कर रहे हैं। अत: कर दायरे को बढ़ाने के लिए व्यावसायिक आय से इतर 5 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न के रूप में भरे जाने हेतु सिर्फ एक पृष्ठ का फॉर्म पेश करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त इस श्रेणी के किसी भी व्यक्ति, जो प्रथम बार आयकर रिटर्न भरता है, को प्रथम वर्ष में तब तक किसी भी जांच का सामना नहीं करना पड़़ेगा, जब तक कि उसके उच्च मूल्य वाले लेन-देन के बारे में विभाग के पास विशिष्ट सूचना उपलब्ध न हो।

    अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि लाभ की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए लाभार्थियों के इस समूह को उपलब्ध छूट के मौजूदा लाभ को घटाकर 2500 रुपये किया जा रहा है, जो 3.5 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले करदाताओं के लिए ही उपलब्ध है। इन दोनों उपायों का संयुक्त प्रभाव यह होगा कि प्रति वर्ष 3 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए कर देनदारी शून्य होगी और 3 लाख रुपये से लेकर 3.5 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए कर देनदारी मात्र 2500 रुपये होगी।

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    चूंकि 5 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं की कर देनदारी घटाकर आधी की जा रही है, अत: बाद के स्लैबों में आने वाले करदाताओं की सभी अन्य श्रेणियों को भी प्रति व्यक्ति 12,500 रुपये का एक समान लाभ मिलेगा। इस उपाय के फलस्वरूप सरकार द्वारा परित्यक्त की जा रही कुल कर राशि 15,500 करोड़ रुपये बनती है।

    इस राहत के कारण होने वाली राजस्व हानि के कुछ भाग की प्रतिपूर्ति के लिए उन करदाताओं पर देय कर का 10 प्रतिशत अधिभार (सरचार्ज) के रूप में लगाने का प्रस्ताव किया गया है, जिनकी वार्षिक कर योग्य आय 50 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक है। इससे सरकार को 2,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।

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