Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गजब है... मध्य प्रदेश में वक्फ बोर्ड ने पूरे गांव को बता दिया अपनी संपत्ति, दावे को सरपंच कोर्ट में देंगे चुनौती

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 05:45 AM (IST)

    मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के सिहाड़ा गांव की भूमि को वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति घोषित कर दिया है। यह कदम ग्राम पंचायत द्वारा स्थानीय दरगाह के पास अतिक्रमण हटाने और तार फेंसिंग को हटाने के नोटिस जारी करने के बाद उठाया गया। दरगाह कमेटी ने इस नोटिस का जवाब देने के बजाय भोपाल स्थित मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड में शिकायत दर्ज कराई।

    Hero Image

    मध्य प्रदेश में वक्फ बोर्ड ने पूरे गांव को बता दिया अपनी संपत्ति (फोटो- जेएनएन)

    जेनएन, खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के सिहाड़ा गांव की भूमि को वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति घोषित कर दिया है। यह कदम ग्राम पंचायत द्वारा स्थानीय दरगाह के पास अतिक्रमण हटाने और तार फेंसिंग को हटाने के नोटिस जारी करने के बाद उठाया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरगाह कमेटी ने इस नोटिस का जवाब देने के बजाय भोपाल स्थित मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड में शिकायत दर्ज कराई। परिणामस्वरूप, वक्फ बोर्ड ने सिहाड़ा गांव की खसरा संख्या- 781 के अंतर्गत 1,40,500 हेक्टेयर भूमि को अपनी संपत्ति मान लिया।

    साथ ही, मध्य प्रदेश स्टेट वक्फ ट्रिब्यूनल ने कलेक्टर और ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव को नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्हें 10 नवंबर को भोपाल में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।

    जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित सिहाड़ा गांव की जनसंख्या लगभग 10,000 है। यहां 1100 मकानों में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के परिवार निवास करते हैं। ग्राम सरपंच प्रतिनिधि हेमंत चौहान ने वक्फ बोर्ड के नोटिस को न्यायालय में चुनौती देने की बात कही है।

    मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डा. सनवर पटेल ने कहा कि उन्हें वक्फ ट्रिब्यूनल की ओर से किसी नोटिस की जानकारी नहीं है। खंडवा कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने कहा कि यदि वक्फ बोर्ड द्वारा पेश किया गया दावा नोटिस के माध्यम से प्राप्त होता है, तो वे उसे देखेंगे।

    ग्राम पंचायत ने अतिक्रमण हटाने के नोटिस के खिलाफ स्थानीय दरगाह के कोषाध्यक्ष शेख शफी ने वक्फ बोर्ड में शिकायत की थी। शेख शफी ने अपनी शिकायत में कहा कि यह भूमि पूरी तरह से वक्फ संपत्ति है, जिसका प्रकाशन मध्य प्रदेश राजपत्र में 25 अगस्त 1989 को किया गया था।

    यह भूमि लगभग 300 वर्ष पुरानी है और वक्फ बोर्ड की संपत्ति के रूप में क्रमांक 331 पर दर्ज है। इसमें इमामबाड़ा, दरगाह और कब्रिस्तान शामिल हैं। पहले दरगाह के आसपास कच्ची दुकानें थीं, जिन्हें बाद में हटाकर तार फेंसिंग कर दी गई थी। सरपंच कोकिला बाई और सचिव देवराज सिंह सिसोदिया का कहना है कि यह भूमि शासकीय है, जिस पर मकान और मंदिर भी बने हुए हैं।

    उन्होंने वक्फ बोर्ड के दावों को झूठा और मनगढ़ंत बताया। उनका कहना है कि वक्फ बोर्ड या दरगाह कमेटी की ओर से कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया है।

    यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले मार्च में वक्फ बोर्ड ने रायसेन जिले के ग्राम मखनी के सात परिवारों को नोटिस देकर उनके मकानों को वक्फ की संपत्ति बताया था। हालांकि, उस मामले में बाद में कोई कार्रवाई नहीं हुई।