कोल ब्लॉक आवंटनों को रद करने में बड़ा निवेश बाधक नहीं: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। कोयला घोटाला मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि निकासी की अनुमति मिले बिना कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश करना कोल ब्लॉक आवंटनों को रद करने की राह में बाधक नहीं बन सकता। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि क्या वह इन आवंटनों को रद करने पर विचार करना चाहती है या नहीं? जस्टिस आर
नई दिल्ली। कोयला घोटाला मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि निकासी की अनुमति मिले बिना कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश करना कोल ब्लॉक आवंटनों को रद करने की राह में बाधक नहीं बन सकता। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि क्या वह इन आवंटनों को रद करने पर विचार करना चाहती है या नहीं?
जस्टिस आरएल लोढ़ा सहित सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि कंपनियों ने निकासी की अनुमति मिले बिना कोल ब्लॉकों पर बड़े पैमाने पर निवेश किए। कोर्ट ने कहा कि अब कंपनियों को परिणाम भुगतना होगा, इस बात का कोई मतलब नहीं है कि कंपनियों ने इसमें कितना बड़ा निवेश किया है। कोर्ट ने यह बात महान्यायविद के यह कहने पर कि कंपनियों ने इन कोल ब्लॉकों पर दो लाख करोड़ से अधिक का निवेश किया है इस वजह से आवंटनों को रद किया जाना मुश्किल है।
खंडपीठ ने कहा कि ये निवेश नाले में जाने जैसे हैं, यह उनके बचाव का बहाना नहीं हो सकते। इसमें कानून उनकी कोई मदद नहीं कर सकता।
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