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    जुबानी जंग व झगड़ों से और गरम हो सकती है हाट सीट बनारस

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    Updated: Thu, 08 May 2014 07:17 AM (IST)

    प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के इस चुनाव क्षेत्र में लगातार बढ़ रही बाहरी लोगों की भीड़ ने खुफिया विभाग के कान खड़े कर दिए हैं। माना जा रहा है कि आठ मई तक बाहर के पचास हजार लोग शिव की इस नगरी में जमा होंगे। पांच बार आतंकी हमला झेल झुकी काशी के लिए यह संवेदनशील स्थिति होगी और सभी पर निगाह रख पाना खुफिया इकाइयों के लिए भी मुश्किल भरा काम होगा।

    वाराणसी [जासं]। प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के इस चुनाव क्षेत्र में लगातार बढ़ रही बाहरी लोगों की भीड़ ने खुफिया विभाग के कान खड़े कर दिए हैं। माना जा रहा है कि आठ मई तक बाहर के पचास हजार लोग शिव की इस नगरी में जमा होंगे। पांच बार आतंकी हमला झेल झुकी काशी के लिए यह संवेदनशील स्थिति होगी और सभी पर निगाह रख पाना खुफिया इकाइयों के लिए भी मुश्किल भरा काम होगा।

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    इंटेलिजेंस की गोपनीय सूचना के अनुसार सात मई तक बनारस में करीब तीस हजार बाहरी लोग पहुंच चुके थे। ये सभी इस हाट सीट पर भाजपा अथवा आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी का चुनाव प्रचार करने आए हैं। खुफिया विभाग की परेशानी का सबब यह है कि इनमें कौन अराजक है या आतंकी, इसकी पहचान कैसे की जाए। अधिकारियों के लिए समस्या यह है कि बाहर से आने वाले या तो गांवों, कस्बों या शहर की कालोनियों में पनाह ले रहे हैं अथवा छोटे होटलों या लाज में। होटल या लाज तो खंगाले जा रहे हैं लेकिन गांव, कस्बों के हर घर को कैसे खंगाला जाए।

    भाजपा के प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के चुनाव लड़ने से बनारस सीट वैसे ही हाट हो चुकी है। नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज होना भी पुलिस व प्रशासन के साथ खुफिया विभाग की टेंशन है। आप कार्यकर्ताओं के साथ जगह-जगह झगड़े हो रहे हैं। एक-दूसरे पर हमला करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। बनारस के चुनाव इतिहास में यह पहली बार है कि जब प्रचार-प्रसार के दौरान रोज मारपीट की घटनाएं हो रही हैं। खुफिया तंत्र को आशंका है कि सात तारीख के बाद जब यहां बाहरी लोगों की भीड़ बढ़ेगी तब इस तरह के विवाद और बढ़ सकते हैं। नगर के कुछ संवदेनशील और मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं। इस बीच एहतियात के तौर पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने फरमान जारी किया है कि दस तारीख के बाद होटल, धर्मशाला, गेस्ट हाउस में बाहरी लोगों को न ठहराएं। प्रशासनिक अमले की टेंशन फिर भी कम नहीं क्योंकि बाहर से आए कार्यकर्ताओं ने अपना बोरिया-बिस्तर धीरे-धीरे स्थानीय कार्यकर्ताओं, समर्थकों के घर ले जाना शुरू कर दिया है।

    हालांकि माहौल बिगड़ने न पाए इसके लिए पुलिस ने अपने स्तर पर तैयारी कर रखी है। बीते चार दिनों से लगातार आइजी, डीआइजी और एसएसपी की अगुवाई में सेंट्रल फोर्स फ्लैग मार्च कर रही है। दस तारीख के बाद नगर में व्यापक स्तर पर अभियान चलाकर लोगों की जांच-पड़ताल की जाएगी।

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