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'अपने लोगों' से बात करने दो दिवसीय दौरे पर कल कश्मीर जाएंगे राजनाथ

जम्मू कश्मीर में शांति प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह बुधवार से दो दिवसीय कश्मीर दौरे पर जा रहे हैं।

By kishor joshiEdited By: Published: Tue, 23 Aug 2016 12:25 PM (IST)Updated: Tue, 23 Aug 2016 08:16 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संविधान के दायरे में कश्मीर समस्या का स्थायी हल ढूंढने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य के साथ ही सरकार ने कदम भी बढ़ा दिया है। बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह दो दिन के दौरे पर कश्मीर जा रहे हैं। दौरे के पहले ही राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार कश्मीरियों के साथ सिर्फ जरूरत पर आधारित नहीं, बल्कि भावनात्मक रिश्ता बनाना चाहती है।

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जाहिर है कि इस दौरे में यह कोशिश दिखेगी कि सरकार एक कदम आगे बढ़कर कश्मीरियों के साथ खड़ा होना चाहता है। कुछ लोग विश्वास की कड़ी को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अगर कश्मीरियों ने भरोसा किया और विघटनकारी अलग थलग कर दिए तो कश्मीर स्वर्ग बनेगा। माना जा रहा है कि पिछली यात्रा की तरह इस बार भी राजनाथ पाकिस्तान परस्त हुर्रियत नेताओं से दूरी बनाकर रखेंगे। गृह मंत्री के साथ केंद्रीय गृहसचिव राजीव महर्षि और गृहमंत्रालय के कश्मीर विभाग के आला अधिकारी भी होंगे।

बुधवार और गुरूवार को वे कश्मीर में विभिन्न वर्गो के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर समस्या के स्थायी समाधान का रास्ता तलाशने की कोशिश करेंगे। आठ जुलाई को आतंकी बुरहान बानी की मौत के बाद हिंसक झड़पों की शुरूआत के बाद राजनाथ सिंह दो दिन के दौरे पर कश्मीर गए थे। वहां उन्होंने सभी वर्गो के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। लेकिन इसके बावजूद हिंसक घटनाएं जारी रहीं। डेढ़ महीने से जारी हिंसा के राजनीतिक समाधान के लिए सभी पक्षों से बातचीत की मांग को लेकर सोमवार को कश्मीर के विपक्षी दलों के नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी।

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मुलाकात के दौरान बातचीत की उनकी मांग को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया था कि यह केवल भारतीय संविधान के दायरे में ही हो सकती है। संकेत साफ था कि पाक पोषित हुर्रियत नेताओं की इसमें कोई जगह नहीं होगी। इसके बाद उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप बंद करते हुए समस्या के समाधान निकालने के लिए मिलकर काम करने की अपील की थी।

गृहमंत्री के ताजा दौरे को कश्मीर में अपने लोगों के साथ बातचीत का दरवाजा खोलने के रूप में देखा जा रहा है। जिसमें अलगाववादियों के लिए कोई जगह नहीं होगी। सोमवार को मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी साफ कर दिया था कि केवल पांच फीसदी लोग घाटी में हिंसक घटनाओं के पीछे सक्रिय है, जबकि 95 फीसदी लोग अमन-शांति और विकास चाहते थे। उनका कहना था कि पांच फीसदी लोगों की करतूतों का खामियाजा 95 फीसदी लोगों को नहीं भुगतने दिया जाएगा।

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