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    अरविंद केजरीवाल को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा: प्रशांत

    आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं में लगातार जारी घमासान में अब प्रशांत भूषण ने एक और अध्याय जोड़ दिया है। उन्होंने पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को खुला पत्र लिख कर कहा है कि उन्होंने जिस तरह का विश्वासघात किया है, उसके लिए ईश्वर और इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं

    By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Sun, 05 Apr 2015 09:11 AM (IST)

    नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं में लगातार जारी घमासान में अब प्रशांत भूषण ने एक और अध्याय जोड़ दिया है। उन्होंने पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को खुला पत्र लिख कर कहा है कि उन्होंने जिस तरह का विश्वासघात किया है, उसके लिए ईश्वर और इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे।

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    उन्होंने स्वयं और योगेंद्र यादव को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाले जाने की घटना की तुलना रूस में स्टालिन की ओर से किए गए सफाए से की है।

    पार्टी के अहम पदों से निकाले जाने के बाद अब प्रशांत भूषण ने केजरीवाल की हकीकत सामने लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अपने पूर्व सहयोगी के नाम लिखे पत्र में उन्होंने कहा है, 'इतने प्रचंड बहुमत से दिल्ली के चुनाव जीतने के बाद आपको अपने बेहतरीन गुण देश के लोगों की सेवा में लगाने चाहिए थे, लेकिन आपकी सबसे घटिया विशेषताएं सामने आ गई हैं।'

    केजरीवाल खेमे के लोग लगातार दावा करते रहते हैं कि लोगों को विकास और सरकार के अच्छे प्रदर्शन से मतलब है। मगर भूषण ने इस सोच को केजरीवाल की भूल बताया है। उन्होंने कहा कि अगर वह सोचते हैं कि अच्छा काम कर दिखाया तो लोग उनके विश्वासघात को भुला देंगे, तो यह गलत है।

    खुद को प्रमुख पदों से हटाए जाने के बारे में उन्होंने कहा, 'जिस तरह से उन्होंने मुझे, लोकपाल को और असहमति जताने वाले सभी लोगों को पार्टी से बाहर कर दिया है, उसका एक ही उदाहरण मिलता है और वह है स्टालिन। रूस की कम्यूनिस्ट पार्टी से ठीक इसी तरह स्टालिन ने भी अपने विरोधियों को बाहर कर दिया था। दोनों की समानता देखने के लिए आपको ओरवेल की एनिमल फार्म पढ़नी चाहिए।'

    अपनी निराशा जाहिर करते हुए उन्होंने लिखा है, 'जिस पार्टी को स्वच्छ राजनीति के इरादे से खड़ा किया गया था, आज वह एक बुरे सपने में बदल गई है। कांग्रेस और भाजपा जैसी पारंपरिक राजनीतिक पार्टियों ने भी कुछ मौकों पर शासन दिया है, लेकिन स्वच्छ और सिद्धांतवादी राजनीति का जो सपना हमने देखा था, वह अच्छा शासन देने से काफी बड़ा था।' उन्होंने स्वयं पर और योगेंद्र यादव पर लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से गलत बताया है।

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