राजपाल यादव की सजा पर हाई कोर्ट ने रोक लगाई
दिल्ली हाई कोर्ट को झूठ बोलकर गुमराह करने के आरोप में गत तीन दिसंबर को दस दिन कैद की सजा पाने वाले अभिनेता राजपाल यादव को हाई कोर्ट ने राहत प्रदान की है। न्यायमूर्ति बीडी अहमद व न्यायमूर्ति विभू बाखरू की खंडपीठ ने उनकी सजा पर 22 जनवरी तक के लिए रोक लगा दी है। पांच करोड़ की देनदार
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट को झूठ बोलकर गुमराह करने के आरोप में गत तीन दिसंबर को दस दिन कैद की सजा पाने वाले अभिनेता राजपाल यादव को हाई कोर्ट ने राहत प्रदान की है। न्यायमूर्ति बीडी अहमद व न्यायमूर्ति विभू बाखरू की खंडपीठ ने उनकी सजा पर 22 जनवरी तक के लिए रोक लगा दी है। पांच करोड़ की देनदारी से जुड़े इस मामले में अदालत ने दिल्ली के व्यवसायी की कंपनी मुरली प्रोजेक्टस को नोटिस जारी कर 22 जनवरी तक जवाब मांगा है।
राजपाल यादव ने हाई कोर्ट के एक सदस्यीय खंडपीठ के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उन्हें दस दिन कैद की सजा सुनाई गई थी। यह केस व्यवसायी ने राजपाल व उनकी पत्नी के खिलाफ दायर किया था। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि अगले आदेश तक राजपाल को दी गई सजा पर रोक जारी रहेगी। साथ ही उस शर्त में भी राहत दी गई है, जिसमें एक सदस्यीय खंडपीठ ने कहा था कि वह अदालत की अनुमति के बिना दिल्ली या देश छोड़कर नहीं जाएंगे। वहीं, राजपाल यादव की ओर से खंडपीठ के समक्ष अंडरटेकिंग दी गई है कि वह एक सप्ताह के अंदर मुरली प्रोजेक्टस कंपनी को बीस लाख रुपये का चेक दे देंगे। ज्ञात हो कि हाई कोर्ट ने राजपाल यादव की पत्नी राधा को भी रजिस्ट्रार कार्यालय में दिन भर खड़े रहने की सजा सुनाई थी।
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