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    'मुझे आगरा रेड लाइट एरिया में बेच दिया है'

    By Edited By:
    Updated: Fri, 17 May 2013 02:57 PM (IST)

    'हम प्रियंका बोल रहे हैं। हमें आगरा रेड लाइट एरिया में बेच दिया गया है। हमें झूठ बोलकर लाया गया था, यहां पन्नी गली में बेच दिया। इस नंबर पर पलटकर फोन मत करना, वरना हम पकड़ा जाएगा। पुलिस को लेकर आ जाओ।' एक मोबाइल मैसेज में कश्मीरी बाजार में कोठे से छलांग लगाकर मौत की नींद सोने वाली छात्रा ने

    जागरण संवाददाता आगरा। 'हम प्रियंका बोल रहे हैं। हमें आगरा रेड लाइट एरिया में बेच दिया गया है। हमें झूठ बोलकर लाया गया था, यहां पन्नी गली में बेच दिया। इस नंबर पर पलटकर फोन मत करना, वरना हम पकड़ा जाएगा। पुलिस को लेकर आ जाओ।' एक मोबाइल मैसेज में कश्मीरी बाजार में कोठे से छलांग लगाकर मौत की नींद सोने वाली छात्रा ने यही लिखा था। यह छात्रा कोलकाता की थी। उसे जिस्मफरोशी के बहाने नौकरी दिलाने के बहाने यहां बेच गए थे।

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    उसके मरने के बाद गुरुवार को कोलकाता और आगरा पुलिस ने यहां छापा मारा। मामले में शहीद नगर के दो युवकों को पकड़ा गया है। शनिवार सुबह कश्मीरी बाजार स्थित एक कोठे के नीचे युवती की लाश पड़ी थी।

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    उसके पास से 5100 रुपये और मोबाइल फोन मिला। पुलिस बहुत कुछ जानते हुए मामले को पहले एक्सीडेंट बताती रही। तीन दिन से शहर में युवती की खोज में आई कोलकाता पुलिस के मुताबिक कोलकाता के जिला 24 परगना नॉर्थ के थाना क्षेत्र बरानगर की रहने वाली 18 वर्षीय प्रियंकाहलदर (बदला नाम) का पिता मछली बेचता है। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर 12वीं में पढने वाली प्रियंका ने पढ़ाई के साथ नौकरी की तलाश शुरू की। 28 अप्रैल को घर के पास स्थित वोडाफोन के ऑफिस में इंटरव्यू देने गई।

    वहां एक व्यक्ति ने उसे आगरा में कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। 30 अप्रैल को प्रियंका को फोन कर आगरा जाने को कहा। परिजनों को आगरा में नौकरी करने की बताकर वह बैग और अपनी वोटर आइडी लेकर यहां आ गई। फिर अपने दोस्त सुबोध को आगरा पहुंचने की जानकारी दी। इसके बाद उसका कोई फोन नहीं गया। सात मई को प्रियंका के दोस्त सुबोध के मोबाइल पर एक मैसेज गया, जो प्रियंका के नाम से था। उसमें लिखा था कि वह आगरा रेड लाइट एरिया में है। सुबोध ने कोलकाता पुलिस को मामला बताया, जिसके बाद पुलिस टीम आगरा पहुंची। गुरुवार शाम कोलकाता पुलिस कोठे तक पहुंच गई।

    पुलिस को ऐसे मिला सुराग

    प्रियंका ने सात मई को अपने दोस्त सुबोध के मोबाइल पर एसएमएस किया था। उसमें प्रियंका ने पन्नी गली में बेचे जाने की जानकारी दी थी। सुबोध ने मैसेज वाला नंबर कोलकाता पुलिस को दिया, जिसकी सिम आइडी निकाली तो यह शहीद नगर की जमीला के नाम थी। कोलकाता पुलिस ने जमीला उर्फ जरीना से पूछताछ की। पहले तो वह सिम अपने नाम होने से इन्कार करती रही। सख्ती पर बताया कि उक्त सिम अपने किरायेदार कुमार को दी थी। कुमार को पकडने पर उसने सिम परिचित ऊषा को देने की बात कही। दोनों ऊषा के बारे में जानकारी होने से इन्कार करते रहे। इसके बाद पुलिस छत्ता थाने पहुंची। वहां मृतका के मोबाइल की सिम को चेक किया तो उसमें ऊषा का नंबर भी था, जिस पर बातचीत हुई थी। इसके बाद पुलिस के सख्ती करने पर जमीला और कुमार ने प्रियंका को कोठे पर बेचने और उसके वहां से कूदने की जानकारी दी। रैकेट से जुड़ी ऊषा पुलिस के हाथ लगने से पहले फरार हो गई।

    तालाबंद कोठे में चल रहा था धंधा

    प्रियंका की तलाश में कोलकाता पुलिस ने स्थानीय पुलिस के साथ गुरुवार शाम को कश्मीरी बाजार में छापा मारा। यहां बंद ताले में जिस्मफरोशी का धंधा चल रहा था। पुलिस ने वहां बंधक सात युवतियों को मुक्त करा लिया। ये कोलकाता और अन्य शहरों की हैं। उधर कोलकाता पुलिस द्वारा प्रियंका का फोटो दिखाने पर पुष्टि हुई कि शनिवार तड़के कोठे से छलांग लगाने वाली प्रियंका की शिनाख्त हो गई। प्रियंका के परिजनों और उसके दोस्त सुबोध ने भी इसकी पुष्टि की।

    कोलकाता से देहरादून तक जुड़े मानव तस्करों के तार जिस्मफरोशी के लिए युवतियों की तस्करी करने वाले मानव तस्करों के तार कोलकाता से लेकर देहरादून, दिल्ली, अलीगढ़ और आगरा आदि शहरों से जुड़े हैं। ऊषा के मोबाइल पर हुई बातचीत के नंबरों की प्रारंभिक छानबीन में इन शहरों के नाम सामने आए हैं।

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