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ग्रीन पीस कार्यकर्ता को रोकने के मामले में केंद्र को नोटिस

गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) ग्रीन पीस की कार्यकर्ता को विमान से उतारने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के प्रवर्तन विभाग व खुफिया विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई छह फरवरी को होगी। न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने याचिकाकर्ता की शिकायत पर

By Sudhir JhaEdited By: Published: Wed, 28 Jan 2015 06:46 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jan 2015 07:50 PM (IST)

नई दिल्ली,जागरण संवाददाता। गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) ग्रीन पीस की कार्यकर्ता को विमान से उतारने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के प्रवर्तन विभाग व खुफिया विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई छह फरवरी को होगी। न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने याचिकाकर्ता की शिकायत पर दोनों विभागों को अपना पक्ष अगली सुनवाई तक रखने को कहा है।

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संस्था की वरिष्ठ प्रचारक प्रिया पिल्लई ने अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह के माध्यम से यह याचिका दायर की है। प्रिया ने कहा है कि गत 11 जनवरी को उन्हें विमान से उतार लिया गया था। वह 14 जनवरी को लंदन में आयोजित ब्रिटिश सांसदों के एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रही थीं। उन्हें ब्रिटिश सांसदों को कोयला खनन से प्रभावित होने वाले लोगों के अधिकारों से अवगत कराना था। उन्हें विमान से उतारना अवैध व मनमाना कदम था।

उनके पास लंदन में रहने के लिए छह माह का वैध वीजा है। याची का कहना है कि उन्हें विमान से उतारना उनके मूल अधिकार का हनन है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को छीनने और अपमानित करने वाला कदम था। पिल्लई ने अपने खिलाफ जारी रेड कॉर्नर अलर्ट नोटिस को भी चुनौती दी है। उनका कहना है कि उन्हें किसी भी कोर्ट से कभी सजा नहीं हुई है और न ही किसी मामले में फरार हुई हैं।

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ग्रीनपीस के खातों पर रोक लगाई थी। ग्रीनपीस ने इस निर्णय को जून, 2014 में अदालत में चुनौती दी थी। अदालत ने ग्रीनपीस के खातों और उसमें जमा 1.87 करोड़ रुपये के इस्तेमाल पर प्रतिबंध हटाने का निर्देश केंद्र सरकार को दिया था।

पढ़ेंः सरकार ने ग्रीनपीस अधिकारी प्रिया को लंदन जाने से रोका


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