आनंदीबेन से छिन सकती है गुजरात सीएम की कुर्सी, इन्हें मिलेगी कमान!
गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को राज्य से हटाकर अब किसी दूसरे राज्य में बतौर राज्यपाल भेजा जा सकता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की सत्ता डगमगा गई है। संभव है कि उन्हें राज्य से हटाकर अब किसी दूसरे राज्य में बतौर राज्यपाल भेजा जाए और 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से युवा पटेल नेता नितिन पटेल या फिर पुराने मजबूत नेता पुरुषोत्तम रूपाला के हाथ कमान दी जाए। हालांकि इस दौड़ में एक और नाम शामिल है। वह हैं भिखू भाई दलसाणिया और उनकी पीठ पर संघ का भी हाथ है।
यूं तो पिछले दिनों में आनंदी बेन यह स्थापित करने में जुटी हुई थीं कि उनकी कुर्सी को कोई खतरा नहीं है। लेकिन पार्टी इसे लेकर सुनिश्चित नहीं है कि वह 2017 में चुनाव जिता सकती हैं। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के अलावा जिस तरह कुछ भ्रष्टाचार के मामले उजागर हुए और उसके बाद स्थानीय चुनावों मे भाजपा को हार का सामना करना पड़ा उससे केंद्रीय नेतृत्व चिंतित है। बल्कि उस हार ने भाजपा का आशंकित कर दिया है। ध्यान रहे कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पहले पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम माथुर को हार की पड़ताल करने और राजनीतिक स्थिति का जायजा लेने के लिए गुजरात भेजा था। बताते हैं कि जो रिपोर्ट है, उससे पार्टी आश्वस्त नहीं है।
लंबे अरसे बाद 2017 में मोदी की गैर मौजूदगी में चुनाव होगा। जाहिर है कि तैयारी दोगुनी करनी होगी। खुद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह हर माह गुजरात का दौरा कर रहे हैं। इसी क्रम में अब नेतृत्व परिवर्तन की भी तैयारी है। सूत्र बताते हैं कि शाह और प्रधानमंत्री के बीच भी चर्चा हुई। बाद में शाह और ओम माथुर एक साथ बैठे। लेकिन आनंदीबेन की जगह किसे भेजा जाए इसे लेकर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। अमित शाह को नितिन पटेल ज्यादा भाते हैं। वह लेहुआ पटेल है, जिनका प्रभाव ज्यादा है।
खुद आनंदीबेन भी लेहुआ पटेल हैं हालांकि उनकी शादी कड़वा पटेल से हुई है, जबकि रूपाला बड़े पटेल नेता माना जाते हैं। एक वक्त में उनका मोदी से संबंध भी मजबूत था। वह कड़वा पटेल है। पाटीदार आंदोलन चलाने वाला हार्दिक पटेल भी कड़वा से ही आता है। पर इन सबके बीच अगर दलसाणिया बाजी मार ले जाएं तो आश्चर्य नहीं। वह भी लेहुआ पटेल हैं और सबसे बड़ी बात है कि पिछले दिनों में जिस तरह संघ का प्रभाव बढ़ा है उसमें उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। फिलहाल वह गुजरात में संगठन महामंत्री हैं और संगठन पर उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है।
बताते हैं कि बदलाव हुआ तो आनंदी बेन को राज्यपाल बनाकर दूसरे राज्य भेजा सकता है। वैसे इस क्रम में भाजपा के एक और मुख्यमंत्री का नाम आने लगा है। पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद केंद्रीय संगठन और केंद्र सरकार में होने वाले फेरबदल में यह दिख सकता है।