अपना जुर्म कबूलने वाले 'डाक्टर डेथ' ने की पुलिस की तारीफ
आेवरडोज का इंजेक्शन देकर लोगों को मौत की नींद सुलाने वाले डॉक्टर डेथ ने पुलिस अधिकारी को पत्र लिखकर पुलिस की तारीफ की है।
सतारा (आइएएनएस)। खुद अपना अपराध स्वीकार करने वाले 'डॉ. डेथ' संतोष गुलाबराव पोल ने लापता लोगों के मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस की प्रशंसा की है। उसने यह पत्र पुलिस अधीक्षक संदीप पाटिल को लिखा है। हालांकि, जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों ने इस पत्र पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। पोल को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया था।
वहीं, संदीप पाटिल ने बताया कि लापता लोगों के बारे में मिली शिकायतों की जांच के लिए बुधवार को ही विशेष टीमों का गठन किया गया है। इन लापता लोगों में 2001 से गायब विलास विष्णु धागे (45), 2002 से गायब दिपाली कृष्ण सनास (21), 2012 से गायब महादेव सोनू चिकाने (47) शामिल हैं। ये सभी वई उप-जिले के विभिन्न गांवों के निवासी हैं।
ताजा रहस्योद्घाटन से उनके परिजन अब बेहद चिंतित हैं। इसके अलावा पोल की शिकार बनी वनीता नरहरि गायकवाड़ के शव की तलाश भी तेज कर दी गई है। पोल ने 12 अगस्त, 2006 को एक एंबुलेंस में खतरनाक इंजेक्शन लगाकर उसको मार दिया था और लाश कृष्णा नदी के जलाशय में फेंक दी थी। इस बीच, मुंबई के केईएम अस्पताल के विशेषज्ञों का एक दल वई पहुंच गया है। यह दल पोल के शिकार बने पांच अन्य लोगों के कंकालों और शव के अवशेषों का फोरेंसिक और डीएनए परीक्षण करेगा।
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