Move to Jagran APP

शीतकालीन सत्र में एक हजार कानून होंगे निरस्त

मोदी सरकार ने अंग्रेजों के जमाने के बेकार पड़ चुके कानूनों पर झाड़ लगाने का फैसला किया है। वषरें पुराने सात सौ विनियोग और वित्त विधेयक समेत 2

By Edited By: Published: Tue, 30 Sep 2014 10:22 AM (IST)Updated: Tue, 30 Sep 2014 10:22 AM (IST)
शीतकालीन सत्र में एक हजार कानून होंगे निरस्त

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अंग्रेजों के जमाने के बेकार पड़ चुके कानूनों पर झाड़ू लगाने का फैसला किया है। वषरें पुराने सात सौ विनियोग और वित्त विधेयक समेत 287 संशोधित कानूनों को रद किया जाएगा। संसद के पिछले सत्र में सरकार ने पहले ही 36 असंगत कानूनों को रद करने का विधेयक पेश कर रखा है।

loksabha election banner

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि संसद के शीतकालीन सत्र में पुराने व बेकार हो चुके एक हजार से ज्यादा कानूनों को खत्म करने का विधेयक लाया जाएगा।

अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में रविवार को प्रवासी भारतीयों के संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसे कानूनों को खत्म करने का फिर एलान किया है। लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी लोगों को कानूनों के मकड़जाल से मुक्ति दिलाने वायदा किया था। इसी के तहत कानून मंत्रालय पुराने नियम कानूनों को खंगालने में जुट गया है। विधि आयोग ने 16 साल पहले ही ढाई सौ कानूनों को रद करने की सिफारिश की थी, जिन्हें अब तक रद नहीं किया गया है। आयोग ने इस बारे में केंद्र के 80 मंत्रालयों से संबंधित विभागों से इसकी वजह भी पूछी थी।

पीसी जैन कमेटी ने 250 अप्रासंगिक हो चुके कानूनों को खत्म करने की सिफारिश की थी। 22 ऐसे भी बेकार पड़े कानून हैं, जो राज्यों से संबंधित हैं। 1998 में जैन कमेटी ने ही 700 विनियोग व वित्त विधेयकों को भी खत्म करने की सिफारिश की थी, जो अनुपयोगी व बेकार हो चुके हैं। ऐसे विधेयकों की जरूरत सीमित समय के लिए ही होती है।

कानून मंत्री प्रसाद ने बताया कि संसद के शीत कालीन सत्र में 1017 कानून व विधेयक होंगे, जिन्हें रद कराने की तैयारी है। कुछ ऐसे भी कानून हैं, जो डेढ़ सौ से पौने दो सौ साल पुराने हैं। हावड़ा ऑफेंस एक्ट, गंगा टैक्स कानून 1880, ड्रैमेटिक परफारमेंश एक्ट 1872, वेस्टलैंड क्लेम एक्ट व सराय एक्ट 1867 जैसे कानूनों की जरूरत नहीं है।

पढ़े : पाक मीडिया भी हुआ नरेंद्र मोदी के भाषण का मुरीद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.