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वृक्षारोपण पर 40,000 करोड़ होंगे खर्च, पेरिस समझौते पर दस्तखत करेगा भारत

सरकार ने आज क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण निधि (कैम्पा) विधेयक, 2015 में आधिकारिक संशोधनों को मंजूरी दे दी है।

By Monika minalEdited By: Published: Wed, 20 Apr 2016 04:44 PM (IST)Updated: Wed, 20 Apr 2016 07:08 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण की चुनौती से निपटने की दिशा में सरकार ने अहम कदम बढ़ाया है। अब वृक्षारोपण के लिए धन की किल्लत नहीं होगी। केंद्र ने बहुप्रतीक्षित क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण निधि (कैम्पा) विधेयक, 2015 में आधिकारिक संशोधनों को मंजूरी दी है। इस विधेयक के कानून का रूप लेने के बाद कैम्पा फंड में 40,000 करोड़ रुपये धनराशि के पारदर्शी और प्रभावी ढंग से खर्च होने का रास्ता साफ हो जाएगा। इस विशाल धनराशि पर हर साल करीब छह हजार करोड़ रुपये ब्याज भी इकठ्ठा होता है। आधिकारिक संशोधनोंं को शामिल करने के बाद सरकार इस विधेयक को 25 अप्रैल से शुरू हो रहे संसद सत्र में पेश करेगी।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को विधेयक के मसौदे में इन संशोधनों को शामिल किया। कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस विधेयक के पारित होने पर परियोजनाओं का समय पर क्रियान्वयन किया जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि जावड़ेकर ने एक दिन पहले ही कहा था कि सरकार को इस विधेयक के संबंध में स्थाई समिति की रिपोर्ट मिल चुकी है। संसद के आगामी सत्र में इसे पेश किया जाएगा। उन्हें उम्मीद है कि सभी पार्टियां इसका समर्थन करेंगी।

कैबिनेट ने विधेयक में जिन आधिकारिक संशोधनों को मंजूरी दी है उनमें से एक यह है कि अब इस कानून के बनने पर केंद्र राज्यों से परामर्श करके ही नियम बनाएगा।

पेरिस समझौते पर दस्तखत करेगा भारत
भारत जलवायु परिवर्तन संबंधी ऐतिहासिक पेरिस समझौते पर शुक्रवार को न्यूयार्क में हस्ताक्षर करेगा। मंत्रिमंडल की बैठक में इस समझौते पर हस्ताक्षर के प्रस्ताव को मंजूरी दी। जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए पेरिस समझौते पर पिछले साल 190 से अधिक देशों ने अपनी सहमति दी।

पेरिस समझौते को विभिन्न पक्षोंं के 21वें सम्मेलन (सीओपी) में दी गई जो दिसंबर 2015 में फ्रांस की राजधानी में आयोजित हुआ था। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए अमेरिका जा रहे हैं। वह 22 अप्रैल को एक उच्चस्तरीय आयोजन में इस समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून भी मौजूद रहेंगे। भारत के साथ-साथ 150 से अधिक देश भी इस समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। इससे पहले 1994 में सामुद्रिक कानून पर मोंटेगो बे में 119 देशों ने हस्ताक्षर किए थे।

कैबिनेट के अन्य फैसले
कैबिनेट ने फरक्का बैराज परियोजना पर सीमा सुरक्षा बल को पश्चिम बंगाल के माल्दा जिले में एक बटालियन के लिए 59 एकड़ जमीन के हस्तांतरण संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। कैबिनेट ने ढांचागत इंजीनियरिंग क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के लिए भी एक समझौते को मंजूरी दी। इसी तरह कैबिनेट ने चिली के साथ तरजीही व्यापार समझौता और वाधवानी ऑपरेटिंग फाउंडेशन और नेशनल स्किल डवलपमेंट कार्पोरेशन के बीच कौशल विकास के लिए एक समझौते को मंजूरी दी। सरकार ने आंध्र में आचार्य एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय और विज्ञान शिक्षा और शोधन संस्थान की स्थापना संबंधी प्रस्तावों को भी मंजूरी दी।

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