Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सेतु समुद्रम पर सरकार को छह हफ्ते का समय

    By Edited By:
    Updated: Mon, 03 Sep 2012 08:19 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद सेतु समुद्रम परियोजना पर एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट पर अपना पक्ष रखने के लिए केंद्र सरकार को छह हफ्ते का समय दिया है। समिति ने कहा है कि पौराणिक रामसेतु से इतर वैकल्पिक मार्ग आर्थिक और पर्यावरण की दृष्टि से व्यावहारिक नहीं है। न्यायमूर्ति एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति सीके प्रसाद की खंडप

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद सेतु समुद्रम परियोजना पर एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट पर अपना पक्ष रखने के लिए केंद्र सरकार को छह हफ्ते का समय दिया है। समिति ने कहा है कि पौराणिक रामसेतु से इतर वैकल्पिक मार्ग आर्थिक और पर्यावरण की दृष्टि से व्यावहारिक नहीं है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    न्यायमूर्ति एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति सीके प्रसाद की खंडपीठ ने सोमवार को सॉलिसिटर जनरल रोहिंटन नरिमन का अनुरोध स्वीकार करते हुए इस परियोजना पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए केंद्र को अतिरिक्त समय दिया है। नरिमन ने कहा कि सरकार को इस रिपोर्ट पर अभी निर्णय करना है। इसलिए उसे आठ हफ्ते का समय चाहिए, लेकिन न्यायालय ने छह सप्ताह का ही समय दिया।

    उच्च स्तरीय समिति की 37 पेज की रिपोर्ट का अध्ययन और विश्लेषण कर स्थिति स्पष्ट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 2 जुलाई को दो महीने का समय दिया था। सरकार की महत्वाकांक्षी सेतु समुद्रम परियोजना पर अमल के दौरान प्राचीन रामसेतु के संरक्षण को लेकर यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। रामसेतु के संरक्षण के लिए न्यायालय में कई याचिकाएं दायर की गई हैं। सेतु समुद्रम परियोजना के तहत रामसेतु को काटकर 30 मीटर चौड़ा, 12 मीटर गहरा और 167 किलोमीटर लंबा नौवहन मार्ग तैयार करने होना है। सरकार की इस योजना का विरोध हो रहा है। इसका विरोध करने वाले चाहते हैं कि रामसेतु को क्षतिग्रस्त किए बगैर ही वैकल्पिक मार्ग के जरिये इस योजना को अंतिम रूप दिया जाए।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर