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    पीएम को देनी पड़ेगी सफाई

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    Updated: Fri, 23 Aug 2013 04:02 AM (IST)

    कोयला घोटाले से जुड़ी फाइलें गायब होने के मामले में एकजुट विपक्ष के आगे सरकार को एक बार फिर झुकना पड़ा। शुरुआती ना-नुकुर के बाद अब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शुक्रवार को खुद ही इस मसले पर संसद में सफाई पेश करेंगे। इस मामले में संसद में दिए कोयला मंत्री के बयान को विपक्ष ने न सिर्फ सिरे से खारिज क

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कोयला घोटाले से जुड़ी फाइलें गायब होने के मामले में एकजुट विपक्ष के आगे सरकार को एक बार फिर झुकना पड़ा। शुरुआती ना-नुकुर के बाद अब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शुक्रवार को खुद ही इस मसले पर संसद में सफाई पेश करेंगे। इस मामले में संसद में दिए कोयला मंत्री के बयान को विपक्ष ने न सिर्फ सिरे से खारिज कर दिया, बल्कि प्रधानमंत्री को भी सफाई देने के लिए मजबूर कर दिया।

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    गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही कोयले की गायब फाइलों का मुद्दा उठ गया। दोनों सदनों के नेताओं सुषमा स्वराज और अरुण जेटली की अगुआई में एकजुट विपक्ष के दबाव में संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने लोकसभा तो राजीव शुक्ला ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप का आश्वासन दिया। राज्यसभा में तो प्रधानमंत्री के सामने विपक्ष के उप नेता रविशंकर प्रसाद ने यह मामला उठा दिया। उन्होंने कहा, 'हम प्रधानमंत्री से सिर्फ इतना जानना चाहते हैं कि गायब फाइलें तलाशी जाएंगी या फिर सरकार इसमें क्या कर रही है।' नेता विपक्ष अरुण जेटली ने कहा, 'कोयला आवंटन मामले में जांच सीबीआइ कर रही है। जबकि, उसकी सैकड़ों फाइलें ही गायब हो गई हैं। कोयला मंत्री ने सदन में एक वक्तव्य दिया था। विपक्ष उससे असंतुष्ट है। प्रधानमंत्री यहां मौजूद हैं। हमारी मांग इस पर उनसे स्पष्टीकरण की है।' अन्नाद्रमुक के डॉ. वी. मैत्रयेन ने कहा कि यह 2जी से बड़ा घोटाला है। पीएम इस पर जवाब दें। संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि 'कोयला मंत्री स्पष्टीकरण दे चुके हैं। फिर भी सदस्य चर्चा के लिए उत्तेजित हैं, तो सरकार तैयार है। उस दौरान जहां जरूरी होगा, प्रधानमंत्री उसमें हस्तक्षेप कर सकते हैं।' सभापति ने कहा कि प्रस्ताव पर सभी की सहमति जरूरी है। सदस्य आपस में बात कर उनके पास आस सकते हैं। अब शुक्रवार को राज्यसभा में इस पर प्रधानमंत्री की भी सफाई आ सकती है।

    उधर, लोकसभा में भी भाजपा ने इस मुद्दे को उठाया। एक बार स्थगित होने के बाद 12:00 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने कहा, 'यह 1.86 लाख करोड़ के भ्रष्टाचार का मामला है। सरकार कह रही कि फाइलें गायब हैं। हम प्रधानमंत्री से जानना चाहते हैं कि फाइलें कहां गईं? उन्हें ढूंढ़ने का क्या प्रयास हो रहा है। जांच जरूरी है, क्योंकि उसमें सरकार के बड़े-बड़े चेहरे शामिल हैं।' माकपा के गुरुदास दासगुप्ता, जदयू के शरद यादव, माकपा के वासुदेव आचार्य समेत दूसरे सदस्यों ने भी ऐसी ही मांग की। संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि कोयला मंत्री के बयान पर चर्चा होगी और प्रधानमंत्री उसमें हस्तक्षेप करेंगे।

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