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तमिलनाडु के बिगड़े सियासी माहौल में गवर्नर पर सभी की निगाहें, जानिए अब क्या होगा

पन्‍नीरसेलवम के बगावती तेवर दिखाने के बाद तमिलनाडु में राजनीतिक संकट मंडरा रहा है। ऐसे में गवर्नर विद्यासागर राव पर सभी की नजरें टिकी हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 08 Feb 2017 11:50 AM (IST)Updated: Wed, 08 Feb 2017 07:20 PM (IST)
तमिलनाडु के बिगड़े सियासी माहौल में गवर्नर पर सभी की निगाहें, जानिए अब क्या होगा
तमिलनाडु के बिगड़े सियासी माहौल में गवर्नर पर सभी की निगाहें, जानिए अब क्या होगा

नई दिल्ली (जेएनएन)। तमिलनाडु में मचे राजनीतिक घमासान के बीच सभी की नजरें गवर्नर विद्यासागर राव पर टिकी हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि इस घमासान को मचाने वाले राज्य के कार्यकारी मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेलवम ने कहा है कि वह विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेंगे। हालांकि उन्हें ऐसा करने के लिए अभी गवर्नर की तरफ से नहीं कहा गया है। वहीं उन्हें पार्टी से निकालने की भी बात की जा रही है।

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गौरतलब है कि पन्नीरसेलवम ने शशिकला को राज्य की सत्ता पर बिठाने के नाम पर ही इस्तीफा दिया था। वहीं गवर्नर ने उनका इस्तीफा मंजूर कर उन्हें अगले सीएम की नियुक्ति तक अपने पद पर बने रहने को कहा है। लिहाजा वह फिलहाल कार्यकारी मुख्यमंत्री के तौर पर काम कर रहे हैं। ऐसे में गवर्नर के पास यह अधिकार है कि भले ही पन्नीरसेलवम का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है, लेकिन वह उन्हें सीएम पद पर बने रहने को कह सकते हैं। साथ ही विधानसभा में बहुमत साबित करने का भी आदेश दे सकते हैं।

दूसरे विकल्प में गवर्नर द्वारा शशिकला को सरकार बनाने का न्योता दिया जा सकता है। ऐसे में उन्हें सदन में एक तय समय के भीतर बहुमत साबित करना होगा और साथ ही छह माह के अंदर सदन का सदस्य भी बनना होगा।

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तीसरे विकल्प के तौर पर गवर्नर विधानसभा को भंग भी कर सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो राज्य में दोबारा चुनाव करवाए जाएंगे। चौथे विकल्प के तौर पर राज्यपाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं। हालांकि इस विकल्प के चुने जाने की उम्मीद कम ही है।

गौरतलब है कि शशिकला फिलहाल विधानसभा सदन नहीं हैं, लिहाजा वह विधानसभा में घुसने के लिए भी अधिकृत नहीं हैं। हालांकि उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है। इसके बावजूद वह विधानसभा में तभी घुस सकती हैं जब गवर्नर उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे।

यहां पर एक बात ध्यान में रखने वाली यह भी है कि इस सियासी घमासान के बीच राज्य के गवर्नर विद्यासागर राव राज्य से बाहर हैं। वहीं राज्य में शशिकला के शपथग्रहण समारोह की तैयारियां बेहद जोर-शोर से चल रही हैं। इस बीच गवर्नर इसको टालने की कोशिश कर सकते हैं और शशिकला के ऊपर कोर्ट में चल रहे मामले में फैसला आने का इंतजार कर सकते हैं। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा अगले सप्ताह सुनाया जा सकता है। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के एक मामले में वह सह आरोपी हैं। इस मामले में राज्य की पूर्व सीएम जयललिता को मुख्य आरोपी बनाया गया है।


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