जलीकट्टू समर्थकों का विरोध, उद्घाटन किए बगैर सीएम लौटे चेन्नई
तमिलनाडु के पारंपरिक खेल जलीकट्टू के अध्यादेश को राज्यपाल विद्यासागर राव ने हरी झंडी दे दी है।
नई दिल्ली। जलीकट्टू अध्यादेश को तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव की मंजूरी के बाद रविवार को मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम मदुरै में जलीकट्टू के उद्धघाटन के लिए पहुंचे जहां प्रदर्शनकारियों ने उनका जमकर विरोध किया। लोगों की मांग है कि राज्य में जलीकट्टू आयोजन के लिए एक स्थायी समाधान लाया जाए। इस विरोध के बाद मुख्यमंत्री चेन्नई लौट गए हैं।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम जल्द ही तमिलनाडु विधानसभा में जलीकट्टू पर एक स्थायी कानून का मसौदा लाएंगे।'
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तमिलनाडु का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे महाराष्ट्र के राज्यपाल सीएच विद्यासागर राव जल्लीकट्टू उत्सव के आयोजन के पक्ष में अध्यादेश लाने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र से मंजूरी मिलने की पृष्ठभूमि में रविवार को चेन्नई पहुंचे थे जिसके बाद तमिलनाडु सरकार ने अध्यादेश पर अंतिम मुहर लगाई थी। तमिलनाडु सरकार अब पशु अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था पेटा पर बैन लगाने की वकालत करेगी।
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जलीकट्टू के आयोजन के पक्ष में चेन्नै के मरीना बीच पर हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारी लगातार पांच दिनों से डटे हुए थे। बता दें कि 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद पिछले साल केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी कर इस पारंपरिक खेल को इजाजत दे दी थी, लेकिन सरकार के इस अध्यादेश को फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, जिस पर अंतिम फैसला आना बाकी है। इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय आना अब भी बाकी है।
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