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    परिजनों को साक्षर बनाने पर ही शिक्षक की नौकरी

    By Edited By:
    Updated: Sat, 29 Jun 2013 10:23 PM (IST)

    अहमदाबाद [शत्रुघ्न शर्मा]। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब सूबे को पूर्ण साक्षर बनाने की नई तरकीब निकाली है। सूबे में शिक्षक की नौकरी के लिए आवदेन करने वालों से पूछा जाएगा कि उसके परिवार में कितने अनपढ़ हैं और उन्हें साक्षर बनाने के लिए आवेदक क्या कर रहे हैं।

    अहमदाबाद [शत्रुघ्न शर्मा]। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब सूबे को पूर्ण साक्षर बनाने की नई तरकीब निकाली है। सूबे में शिक्षक की नौकरी के लिए आवेदन करने वालों से पूछा जाएगा कि उसके परिवार में कितने अनपढ़ हैं और उन्हें साक्षर बनाने के लिए आवेदक क्या कर रहे हैं।

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    नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गांधी नगर के महात्मा मांदिर में यंग इंडियन लीडर्स सम्मेलन में कहा, वह ऐसी नीति बनाने जा रहे हैं जिसमें सरकारी नौकरी मांगने वालों से पूछा जाएगा कि उनके घर में कितने अनपढ़ हैं और यदि वह शिक्षक की नौकरी करना चाहते हैं तो पहले परिवार को क्यों साक्षर नहीं करते। उन्होंने कल्याणकारी योजनाओं की विफलताओं के लिए नेताओं व अफसरों को जिम्मेदार ठहराया और कहा,जब उन्हें ही पता नहीं कि लोगों को हक कैसे मिलेगा तो योजना कहां से सफल होगी। मोदी ने कहा,गरीब कल्याण योजना शुरू करने से पहले दस आइएएस अफसरों को बुलाया और कहा, सरकार विधवाओं को सिलाई मशीन देना चाहती है, आप बताएं कि विधवाएं योजना का लाभ पाने को कहां और कैसे आवेदन करे। दस में से एक भी आइएएस जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद सरकार ने गरीब कल्याण मेलों का आयोजित कर गरीब व जरूरतमंदों को सीधे आर्थिक मदद, मशीन, उपकरण आदि बांटने शुरू किए। मुख्यमंत्री ने कहा, हिंदू मान्यता के अनुसार,एक हिन्दू को चारधाम यात्रा के बाद मोक्ष मिल जाता है,लेकिन सरकारी दफ्तरों में फाइलों को चालीस दरवाजों के चक्कर लगाने पर भी मुक्ति नहीं मिलती। सरकार व उसके कामकाज को समझना और इस व्यवस्था से काम कराना तो बहुत मुश्किल है। इसमें बदलाव के लिए सरकार व समाज दोनों को तैयार होना होगा तभी विजन 2020 हासिल किया जा सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री सिंह पर भी निशाना साधा और कहा,उन्हें भाषण में हिन्दू-मुस्लिम कहने के बजाए देशवासियों संबोधित करना चाहिए। मोदी ने कहा, वह अपने संबोधन में जाति-धर्म को इंगित नहीं करते बल्कि मेरे प्यारे गुजरातियों कहते हैं, लेकिन अफसोस लाल किले से देश को संबोधित करते हुए भी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हिंदू, मुस्लिम, सिख व ईसाई बोलते हैं, जबकि वह मेरे प्यारे देशवासियों भी कहते तो समूचे भारत को अपील करते।

    सीबीआइ से मैं खुद प्रताड़ित

    अहमदाबाद। नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सीबीआइ से प्रताड़ना के मामले में वह और कश्मीरी आवाम एक समान है।

    मोदी ने सम्मेलन में आए एक कश्मीरी युवक के कथन-सीबीआइ व एनआइए कई निर्दोष मुस्लिम युवकों को जेल में डाल चुकी है, मोदी ने कहा इस मामले में वह और कश्मीरी एक समान हैं। ज्ञात हो, सोशल साइट पर मौजूद युवाओं ने ऑनलाइन संपर्क के जरिए सिटिजन फॉर अकाउंटेबल गवर्नेस नामक संस्था बनाई है।

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