500-1000 के नोट बंद करने के सरकार के फैसले पर तेज हुई राजनीति
500 और 1000 रुपये के नोटों को खत्म करने के एलान के बाद देश में राजनीतिक प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में 500 और 1000 रुपये के नोटों को खत्म करने के एलान के बाद देश में राजनीतिक प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई हैं। केंद्रीय सूचना मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिए गए निर्णय का समर्थन करते हैं और पूरे देश से अपील करते हैं कि पीएम मोदी कि इस इस पहल में हिस्सा लें।बता दें कि कुछ राजनीति दल सरकार के इस फैसले का स्वागत कर रहैं तो कुछ ऐतराज जता रहे हैं । आइए जानते हैं कौन से राजनेता पीएम मोदी के इस ऐतिहासिक फैसले के पक्ष में हैं और कौन विपक्ष में हैं।
पक्ष में
नीतीश कुमार ने किया फैसला के स्वागत
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस फैसले से शुरू में लोगों को कुछ समस्या का सामना करना पड़ेगा, लेकिन हमारी अर्थव्यवस्था के लिए यह लंबे समय तक उपयोगी साबित होगा
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'गद्दे के नीचे छिपा धन अब सिर्फ कागज का टुकड़ा '
पुडुचेरी की रायपाल किरण बेदी ने कहा कि मोदी के इस फैसले से देश के कुछ भ्रष्ट और अमीर लोग कुछ ही मिनटों में गरीब हो गए हैं। गद्दे के नीचे छिपा धन अब सिर्फ कागज का टुकड़ा रह जाएगा। टाट के बोरे और सूटकेस का समय लद गया।
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नवीन जिंदल ने किया स्वागत
वहीं कांग्रेसी नेता नवीन जिंदल ने कहा कि 500 और 1000 रुपये के नोट आधी रात से बंद करने के लिए लीक से अलग हटकर कदम उठाने का स्वागत है। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए यह कदम उठाया है। आने वाले समय में वह जरूर पूरा होगा।
रमन सिंह ने कहा अर्थव्यवस्था में दीर्घकालिक प्रभाव पैदा होगा
छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह ने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उठाए गए कदम का स्वागत करते हैं, यह फैसला हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में एक दीर्घकालिक प्रभाव पैदा करेगा।
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विपक्ष में
दिग्विजय सिंह को लगती है व्यापारियों पर सर्जिकल स्ट्राइक
वहीं कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार के फैसले पर निशाना साधते हुए ट्वीट करते हुए कहा कि 'चलो मोदी जी ने पहली बार वो किया जो कहा ! उन्होंने कहा था वे अब व्यापारियों पर सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे और उन्होंने कर दिखाया। बधाई।
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नगदी में केवल छोटा और मध्यम व्यापारी ही धंधा करता है। बड़े तो चेक और प्लास्टिक मनी से करते हैं। अब पोस्ट ऑफ़िस और बैंक अधिकारियों की चॉंदी।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 9, 2016
चलो मोदी जी ने पहली बार वो किया जो कहा ! उन्होंने कहा था वे अब व्यापारियों पर सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे और उन्होंने कर दिखाया। बधाई।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 9, 2016
उन्होंने ट्वीट कर आगे कहा नगदी में केवल छोटा और मध्यम व्यापारी ही धंधा करता है। बड़े तो चेक और प्लास्टिक मनी से करते हैं। अब पोस्ट ऑफ़िस और बैंक अधिकारियों की चॉंदी।इन्हें पहले इन्कम टेक्स अधिकारियों ने व्यापारियों को मारा अब ₹५००/१००० के जमा नोटों की क़िल्लत मारेगी।लेकिन यह आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक देश हित में साबित नहीं होगी पर आर्थिक अराजकता में परिवर्तित होगी।'
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मनीष तिवारी ने बताया तुगलकी फरमान
इनके अलावा कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने मोदी सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि आधुनिक जमाने के तुगलक ने भारत की गरीब जनता के पेट में नुकीला त्रिशूल घोंप दिया है। आज के समय में 1000 रुपये की कीमत 20 साल पहले के सौ रुपये जितनी है। ऐसे में यह फैसला एक पागलपन है।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, पुनमूल्यांकन की है जरूरत
आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू का मानना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए यह ऐतिहासिक कदम उठाने और कालेधन को छिपाने की जगह खत्म करने के लिए, केंद्र को नया अभियान शुरू करने से पहले सावधानी के साथ अपने कदम के पुनमूल्यांकन की जरूरत है।
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