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    नकद रहित लेन-देन के लिए आधार भुगतान सेवा शुरू करेगी सरकार

    By Rahul SharmaEdited By:
    Updated: Sat, 28 Jan 2017 04:05 AM (IST)

    केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के मुताबिक, ‘‘हम आधार भुगतान शुरू करने जा रहे हैं। इसके साथ लोगों को भुगतान के लिये अपना फोन ढोने की आवश्यकता नहीं होगी।

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    नकद रहित लेन-देन के लिए आधार भुगतान सेवा शुरू करेगी सरकार

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकार आधार आधारित भुगतान व्यवस्था जल्द शुरु कर देगी। इस व्यवस्था के शुरू होने के बाद लोग केवल अपने अंगूठे की पहचान के आधार पर भुगतान कर सकेंगे। सरकार ने ऐलान किया है कि देश में आधार धारकों की संख्या 111 करोड़ हो गई है।

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    बारह अंक वाले विशिष्ट पहचान संख्या यानी आधार के मामले में सरकार को गणतंत्र दिवस के अगले दिन बड़ी कामयाबी मिली जब आधार नंबर 91 फीसदी से भी ज्यादा आबादी तक पहुंच गयी। खास बात ये है कि 18 वर्ष या उससे ज्यादा की उम्र वाले लगभग प्रत्येक व्यक्ति को आधार मिल चुका है।

    केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आधार धारकों के नए आंकड़े का ऐलान करते हुए कहा कि इतनी बड़ी आबादी को आधार दिए जाने के साथ ही सरकार एक नयी वित्तीय व्यवस्था 'आधार पे' शुरु करने जा रही है। इस नयी व्यवस्था में बगैर किसी कार्ड या फोन के न केवल भुगतान किया जा सकेगा, बल्कि प्राप्त भी किया जा सकता है। इस व्यवस्था में भुगतान हासिल करने वाले के पास एक स्मार्ट फोन होना चाहिए जिससे बायोमेट्रिक सेंसर जुड़ा होगा। सेंसर की कीमत मात्र दो हजार रुपये है। भुगतान करने के लिए फोन के एप में आधार संख्या डालनी होगी और अंगूठे की पहचान कराकर पैसा भेजा जा सकता है।

    इस व्यवस्था के लिए जरूरी है कि आपका आधार आपके बैंक खाते से जुड़ा हो। अब तक 39 करोड़ बैंक खातों को आधार से जोड़ा जा चुका है जबकि हर महीने दो करोड़ बैंक खाते को आधार से जोड़ने का लक्ष्य है।

    कानून व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि 14 बैंकों के साथ नयी व्यवस्था शुरु करने के लिए बात चल रही है। इसमें से पांच बैंकों, भारतीय स्टेट बैंक, सिंडिकेट बैंक, आईडीएफसी बैंक, आंध्रा बैंक और इंडसइंड बैंक ने पायलट प्रोजेक्ट शुरु किया है। सरकार ने आधार पे को भीम के साथ जोड़ने का इरादा जताया है। इससे सभी बैंक एक साथ नयी सुविधा मुहैया करा सकेंगे।

    सरकार का दावा है कि 31 मई 2014 को जहां आधार पेमेंट ब्रिज के जरिए 4474 करोड़ रुपये का लेन-देन होता था वो 15 जनवरी को 44967 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसमें मनरेगा के तहत करीब साढ़े नौ करोड़ लोगों को मजदूरी दी गयी। इसी तरह रसोई गैस सिलिेंडर पर सब्सिडी भुगतान 3970 करोड़ रुपये से बढ़कर 28762 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी।

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