Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चौंकानेवाला खुलासा, पकड़े गए 80 हजार 'अदृश्य' प्रोफेसर

    By Sachin BajpaiEdited By:
    Updated: Sat, 06 Jan 2018 07:11 AM (IST)

    मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लिया है, और ऐसे शिक्षकों की पहचान करके उनके खिलाफ जल्द ही कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। ...और पढ़ें

    Hero Image
    चौंकानेवाला खुलासा, पकड़े गए 80 हजार 'अदृश्य' प्रोफेसर

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एक तरफ जहां लोग एक नौकरी पाने के लिए परेशान है, वहीं देश के विश्वविद्यालयों और कालेजों में करीब 80 हजार ऐसे प्रोफेसर नौकरी करते पाए गए है, जो एक या दो जगह नहीं, बल्कि चार-चार जगह नौकरियां करते मिले है। ये प्रोफेसर सभी जगह से वेतन भी ले रहे है। यह चौंकाने वाला खुलासा देश भर के विश्वविद्यालयों और कालेजों में पढ़ा रहे शिक्षकों के सत्यापन (वेरीफिकेशन)और आधार से लिंक करने के दौरान हुआ है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लिया है, और ऐसे शिक्षकों की पहचान करके उनके खिलाफ जल्द ही कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने शुक्रवार को आल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन (एआईएसएचई) की वर्ष 2016-17 की रिपोर्ट जारी करने के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में देश भर के विश्वविद्यालयों और कालेजों में करीब 15 लाख शिक्षक कार्यरत है, इनमें करीब 12.50 लाख शिक्षक ऐसे है, जो अब तक आधार से जुड़ चुके है। यानि करीब 85 फीसदी प्राध्यापकों का सत्यापन हो चुका है। जबकि बाकी शिक्षकों को भी जल्द से जल्द आधार से लिंक करने की तैयारी चल रही है। उन्होंने इस दौरान चौंकाने वाला खुलासा भी किया और बताया कि करीब 80 हजार ऐसे प्रोफेसर भी मिले है, जो एक साथ कई जगहों पर पढ़ाते मिले है। यह सभी इन सभी जगहों से वेतन भी ले रहे है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जनता का पैसा है, इसे इस तरीके से लूटने नहीं दिया जाएगा। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी। हालांकि उन्होंने कहा कि इनमें से कोई भी शिक्षक केंद्रीय विश्वविद्यालयों का नहीं है।

    तकनीकी शिक्षा में बढ़ेगा छात्राओं का प्रतिशत, तय होगा कोटा

    केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि तकनीकी शिक्षा में मौजूदा समय में छात्राओं की प्रतिशत करीब 9 से 12 फीसदी ही है। आईआईटी में यह करीब 9 फीसदी ही है। ऐसे में मंत्रालय की कोशिश है कि वर्ष 2022 तक यह प्रतिशत 20 फीसदी तक हो जाए। इसके लिए आईआईटी और एनआईटी में छात्राओं के विशेष कोटा रखने को लेकर बातचीत की जा रही है। इसके तहत उन्हें उनके चहेते कोर्स और इंजीनियरिंग कालेजों में ही प्रवेश दिया जाएगा। जावडेकर ने बताया कि 2010-11 के मुकाबले 2016-17 में उच्च शिक्षा में छात्राओं की संख्या में भी भारी इजाफा हुआ है। इनका प्रतिशत 19.4 से बढ़कर 25.2 हो गया है। उन्होंने बताया कि पिछले साढे़ तीन सालों में छात्रों का उच्च शिक्षा को लेकर रूझान भी बढ़ा है। उच्च शिक्षा लेने वाले छात्रों की संख्या इन सालों में 3.27 करोड़ से बढ़कर 3.57 करोड़ पर पहुंच गई है।