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    स्पाइसजेट के लिए रास्ता निकालने में जुटी सरकार

    By Murari sharanEdited By:
    Updated: Wed, 17 Dec 2014 03:49 PM (IST)

    विमानन राज्य मंत्री डॉ.महेश शर्मा ने संकटग्रस्त स्पाइसजेट को सरकार से किसी प्रकार के पैकेज की संभावना से इन्कार किया है। इसके बावजूद बीते दिन ही उन्ह ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो] । विमानन राज्य मंत्री डॉ.महेश शर्मा ने संकटग्रस्त स्पाइसजेट को सरकार से किसी प्रकार के पैकेज की संभावना से इन्कार किया है। इसके बावजूद बीते दिन ही उन्होंने कोई न कोई रास्ता निकालने के संकेत दे दिए थे। मंगलवार को सरकार ने स्पाइसजेट के लिए छह सूत्री राहत फॉर्मूले का एलान कर दिया। इसके तहत विमानन नियामक डीजीसीए की ओर से एयरलाइन को मार्च, 2015 तक बुकिंग करने की अस्थायी छूट देना शामिल है।

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    सरकार का मानना है कि स्पाइसजेट को नकदी संकट से निकालने में सभी पक्षों को सहयोग करना चाहिए। अन्यथा समस्त भारतीय विमानन उद्योग को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसी लिहाज से छह सूत्री योजना को मंजूरी दी गई है।

    मंगलवार को शर्मा ने स्पाइसजेट पर संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा, 'वरिष्ठ मंत्री अशोक गजपति राजू के साथ हम सभी ने इस मसले पर बैठक कर विभिन्न संभावनाओं पर चर्चा की है। इस पर कोई न कोई उपाय निकाला जाएगा।'

    पैकेज की संभावना से स्पष्ट रूप से इन्कार करते हुए शर्मा ने कहा, 'पैकेज से कभी किसी का भला नहीं होता। सरकार किसी खास एयरलाइन को पैकेज के खिलाफ है। पूरे विमानन उद्योग के लिहाज से राहत संभव है।'

    स्पाइसजेट पर विभिन्न एजेंसियों का लगभग 2000 करोड़ रुपये बकाया है। इसमें 200 करोड़ रुपये अकेले एयरपोर्ट अथॉरिटी का है। वेतन न मिलने से इसके अनेक पायलट व क्रू मेंबर नौकरी छोड़ चुके हैं। इससे एयरलाइन को विमानों और उड़ानों में कटौती करनी पड़ी है।

    हालात के मद्देनजर डीजीसीए ने स्पाइसजेट को केवल महीने भर की एडवांस बुकिंग करने को कहा था तथा उसके 180 स्लॉट रद कर दिए थे। परिणामस्वरूप स्पाइसजेट को दिसंबर की 1,861 उड़ानें रद करनी पड़ीं। डीजीसीए ने स्पाइसजेट से किसी बड़े इक्विटी खरीदार की तलाश कर 1600 रुपये या कम से कम 1400 करोड़ रुपये का तत्काल इंतजाम करने को कहा है। परंतु व इसमें नाकाम रही है।

    स्पाइसजेट के सीओओ संजीव कपूर तथा सीएफओ एसएल नारायणन ने सोमवार को विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू तथा राज्यमंत्री शर्मा से मुलाकात कर वित्तीय मदद की गुहार लगाई थी। तब शर्मा ने कहा था कि मामले को प्रधानमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। इससे पहले स्पाइसजेट के अधिकारियों ने डीजीसीए प्रमुख प्रभात कुमार से मुलाकात कर उनके समक्ष कंपनी की कार्य योजना प्रस्तुत की थी।

    उसे यह कहकर अस्वीकार कर दिया गया कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। डीजीसीए ने एयरलाइन को आगाह किया था कि यदि मंगलवार तक वह बकाये और कर्मचारियों के वेतन के भुगतान के बारे में स्पष्ट रूपरेखा पेश करने में विफल रहती है तो आगे की कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।

    छह सूत्री फॉर्मूला

    1. स्पाइसजेट अल्प अवधि में अपनी पूंजी बढ़ाने का वादा करेगी।

    2. सार्वजनिक तेल कंपनियों से स्पाइसजेट को 15 दिनों तक उधार में तेल देने का अनुरोध किया जाएगा। एयरलाइन रोजाना पांच करोड़ का एटीएफ खरीदती है। इस तरह तेल कंपनियों को 75 करोड़ का तेल उधार में देना होगा। तेल कंपनियों का स्पाइसजेट पर 14 करोड़ बकाया है।

    3. डीजीसीए स्पाइसजेट को 31 मार्च तक बुकिंग की छूट देगा।

    4. एयरपोर्ट अथॉरिटी समेत एयरपोर्ट ऑपरेटरों से भी स्पाइसजेट को 15 दिन की मोहलत देने को कहा जाएगा।

    5. भारतीय बैंकों से कहा जाएगा कि वे स्पाइसजेट को उसके चेयरमैन की गारंटी पर 600 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी बतौर कर्ज प्रदान करें। करीब आठ हफ्ते में इक्विटी निवेश हासिल करने के तुरंत बाद स्पाइसजेट को इस कर्ज की वापसी करनी होगी।

    6. स्पाइसजेट को कार्यशील पूंजी हासिल करने के लिए विदेशी वाणिज्यिक ऋण (ईसीबी) की विशेष अनुमति देने के लिए वित्त मंत्रालय से अनुरोध किया जाएगा। 2012 में जब विमानन क्षेत्र में इसी तरह का संकट पैदा हुआ था तो वित्त मंत्रालय ने ईसीबी की अनुमति दी थी।

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