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    कोयला घोटाला: पीएम के बचाव में उतरी सरकार

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    Updated: Fri, 18 Oct 2013 02:11 AM (IST)

    कोयला घोटाले में शीर्ष उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला के खिलाफ एफआइआर दर्ज होने के बाद मामले की आंच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक आने के बाद पूरी सरकार उनके बचाव में उतर आई है। केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने पीएम के फैसले का सम्मान करने की जरूरत बताई है।

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोयला घोटाले में शीर्ष उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला के खिलाफ एफआइआर दर्ज होने के बाद मामले की आंच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक आने के बाद पूरी सरकार उनके बचाव में उतर आई है। केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने पीएम के फैसले का सम्मान करने की जरूरत बताई है। वहीं, कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा है कि पीएम को किसी से ईमानदारी का प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है।

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    पढ़ें: कोयला ब्लॉक आवंटन की नई प्रक्रिया पर ग्रहण्ण

    सीबीआइ ने कोयला ब्लॉक आवंटन के मामले में 14वीं एफआइआर में कुमार मंगलम बिड़ला के खिलाफ मामला दर्ज किया है। शर्मा ने सीबीआइ के इस कदम को उद्योग जगत के लिए घातक बताया है। उन्होंने कहा है कि इससे निवेशकों का भरोसा टूटेगा और उद्योग जगत में भय बनेगा। एक टीवी चैनल से बातचीत में शर्मा ने कहा कि जहां तक विपक्ष द्वारा प्रधानमंत्री से पूछताछ की मांग का सवाल है, किसी भी नीतिगत मसले पर प्रधानमंत्री के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री के समर्थन में पूरी तरह उतरते हुए शर्मा ने कहा कि अगर इसी तरह सरकार के हर फैसले पर सवाल उठते रहे तो मंत्रियों और नौकरशाहों के लिए कोई भी निर्णय करना मुश्किल हो जाएगा।

    जायसवाल ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि देश के साथ-साथ पूरी दुनिया में प्रधानमंत्री की साख है। उन्हें किसी से ईमानदारी का प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है। पारेख के प्रधानमंत्री पर दोष मढ़ने संबंधी बयान का हवाला देते हुए कहा कि किसी को भी ऐसे बयान देने से बचना चाहिए जिससे अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचे। कॉरपोरेट मामलों के मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। गलत काम करने वालों को सजा मिलनी चाहिए। हालांकि, पायलट का मानना है कि इस तरह का कोई भी कदम तथ्यों की जांच परख के बाद ही उठाया जाना चाहिए, क्योंकि ऐसा कदम कारोबारी जगत के विश्वास को हिला देता है। उनमें भय और अनिश्चितता पैदा होती है।

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