गडकरी जासूसी विवाद से सरकार ने पल्ला झाड़ा
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की जासूसी के मुद्दे ने सियासी रंग ले लिया है। कांग्रेस ने इसे गुजरात के 'स्नूप गेट' से जोड़ते हुए आरोप लगाया कि अब तक यह सब गुजरात में होता था अब दिल्ली में शुरू हो गया है। भाकपा के डी राजा ने भी इसे गंभीर मुद्दा बताया है। उन्होंने कहा, कोई आदमी कैसे अवैध तरीके स
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की जासूसी के मुद्दे ने सियासी रंग ले लिया है। कांग्रेस ने इसे गुजरात के 'स्नूप गेट' से जोड़ते हुए आरोप लगाया कि अब तक यह सब गुजरात में होता था अब दिल्ली में शुरू हो गया है। भाकपा के डी राजा ने भी इसे गंभीर मुद्दा बताया है। उन्होंने कहा, कोई आदमी कैसे अवैध तरीके से गडकरी के निजी कक्ष तक पहुंच सकता है, इसकी जांच होनी चाहिए।
सरकार ने हालांकि मामले के पटाक्षेप के संकेत दिए। गृह मंत्रालय ने इसकी जांच करवाए जाने की मांग खारिज कर दी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'इसमें कोई विवाद नहीं है, गडकरी ने स्वयं इसका खंडन किया है।' केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने भी कहा कि खुद गडकरी ने इस खबर को काल्पनिक करार दिया है। ऐसे में हम इसमें कैसे हस्तक्षेप कर सकते हैं।
लेकिन, कांग्रेस मामले को तूल देने में लगी है। आश्चर्यजनक रूप से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी रविवार को सरकार से इस मामले की जांच और संसद में बयान की मांग की थी। सोमवार को कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल और वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने यही मांग दोहराई। गोहिल ने तो इसे नरेंद्र मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री रहते सूबे में हुई एक युवती की जासूसी के मुद्दे से जोड़ दिया। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा, कैबिनेट में अहम ओहदा संभालने वाले व्यक्ति के साथ यदि ऐसा हो सकता है तब तो भगवान ही इस देश को बचाए।
मामले पर मनमोहन समेत कांग्रेस के तमाम नेताओं के बयानों पर भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने पलटवार किया है। नकवी ने कहा, मनमोहन सिंह उस समय क्यों चुप थे जब उनके कार्यकाल में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के कार्यालय की जासूसी की गई थी।
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिल्ली में गडकरी के 3 मूर्ति लेन स्थित आवास के बेडरूम में जासूसी उपकरण मिला है। उपकरण इतनी उच्च तकनीकी क्षमता का था कि इसके माध्यम से कहीं दूर बैठा व्यक्ति बेडरूम में होने वाली सारी बातें सुन सकता था। गडकरी ने रविवार को ही इस खबर को 'कोरी कल्पना' कहकर खारिज कर दिया था।
'गुजरात में तो यह होता ही था, अब दिल्ली में भी जासूसी के दिन आ गए हैं।'-शक्ति सिंह गोहिल (कांग्रेस प्रवक्ता)
'मनमोहन सिंह उस समय क्यों चुप थे, जब उनके मंत्रियों की जासूसी की खबरें आई थीं।'- मुख्तार अब्बास नकवी (भाजपा उपाध्यक्ष)