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    बिजली बचाओ मुहिम में मील का पत्थर साबित हो रहीं ये आइएएस

    By Srishti VermaEdited By:
    Updated: Tue, 03 Oct 2017 01:47 PM (IST)

    पावर सेवर के रूप में जानी जाती हैं आइएएस ऋतु माहेश्वरी ...और पढ़ें

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    बिजली बचाओ मुहिम में मील का पत्थर साबित हो रहीं ये आइएएस

    गाजियाबाद (धीरेंद्र मिश्र)। तेजतर्रार आइएएस ऋतु माहेश्वरी नेबिजली सुधार के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। गत दिनों ऊर्जा मंत्रालय की वेबसाइट पर ऋतु के कार्यों को उल्लेखनीय बताया गया है। ऋतु द्वारा किए गए सुधार अब मील का पत्थर साबित होते दिख रहे हैं। ऋतु फिलहाल उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में बतौर जिलाधिकारी पदस्थ हैं। यहां भी बिजली बचाओ मुहिम में वह उसी तत्परता के साथ जुटी हुई हैं।

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    माहिर हैं बिजली बचाने में : इससे पहले ऊर्जा मंत्रालय में तैनाती के दौरान उन्होंने ऊर्जा मित्र नामक मोबाइल एप व उदय योजना को धरातल पर उतारा। देश में बिजली सुधार की दिशा में ये कदम बड़े बदलाव का कारक बने। पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से स्नातक और 2003 बैच की आइएएस अधिकारी ऋतु की तैनाती 2011-12 में केस्को (कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी) में थी। जहां बिजली चोरी व बिजली माफिया को काबू कर उन्होंने कंपनी के लाइन लॉस को 32 फीसद से घटाकर 15 फीसद पर ला दिया था।

    जारी है मुहिम : बतौर जिलाधिकारी, गाजियाबाद ऋतु को काम संभाले अभी एक माह भी नहीं हुआ है, लेकिन इस अवधि में बिजली चोरी के सौसे अधिक मामले पकड़ कर, करीब 40 लाख रुपए का जुर्माना वसूल किया गया। उनके द्वारा गठित टीमें ताबड़तोड़ छापे मार रही हैं। कटियाबाजों में इससे दहशत का माहौल है। लो कटियाबाजी छोड़ मीटर लगवाने में लग गए हैं। यहां सौ से अधिक नए मीटर कुछ दिनों में ही लग गए।

    तकनीक पर जोर
    ऋतु बताती हैं कि तकनीक से काम आसान हो गया है। एम दृष्टि एप से जेई व मीटर विभाग के कर्मचारियों को जोड़ा गया। सॉफ्टवेयर के माध्यम से उन पर नजर रखी जाने लगी। ऑनलाइन बिलिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। बिजली गुल या लाइन में फाल्ट आने पर उपभोक्ताओं को तुरंत सूचना मिले, इसके लिए ऊर्जा मित्र एप लांच किया
    गया। इस एप के माध्यम से पूरे देश में तीस लाख मैसेज रोजाना उपभोक्ताओं के पास भेजे जाते हैं। उदय आने के बाद 27 राज्यों में बिजली में सुधार हुआ है। उदय से आपूर्ति की मॉनीटरिंग की जाती है। अब बिजली कंपनियां हर तीन महीने में ऑनलाइन रिपोर्ट उदय सिस्टम के माध्यम से सरकार को देती हैं। ऋतु का कहना है कि देश में हर साल करीब 64 हजार करोड़ रुपये की बिजली चोरी हो जाती है। बिजली में सुधार होने से जहां उपभोक्ताओं का फायदा होगा, वहीं राजस्व फायदा होगा, जो देश की तरक्की के काम आएगा।

    चुनौती कम नहीं
    ऋतु ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा, कानपुर जैसे बड़े शहर में बिजली चोरी रोकना बड़ी चुनौती थी। जब मैं वहां पहुंची तो हालात काफी खराब थे। बिजली आपूर्ति में खेल होता था। माफिया हावी था। खंभे बेच दिए जाते थे। राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कुछ ठेकेदार बिजली चोरी करा अपनी जेबें भरते थे। लाइन लॉस 32 से 35 फीसद पहुंच गया था। अरबों का बकाया कंपनी पर था। यकीन मानिए कि 11 महीने में मैंने बिजली चोरी पर 90 फीसद अंकुश लगा दिया। 11 माह में डेढ़ लाख से अधिक मीटर लगाए गए। कटिया कनेक्शन पर लगाम लगाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया गया। दिन-रात छापे मारे गए। इसी तरह के सुधार गाजियाबाद में करने हैं। छापे मारी जारी रहेगी।

    -ऊर्जा मित्र एप व उदय योजना का श्रेय, जगाई बिजली बचत की अलख
    -बतौर जिलाधिकारी गाजियाबाद भी जारी है मुहिम

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