विवाह में बरातियों ने लिया अंगदान का संकल्प
शिवानी और अश्विनी की शादी में दूल्हे समेत सभी 25 बरातियोंने अंगदान का रजिस्ट्रेशन कराया...
सोनीपत (जागरण संवाददाता)। मंगलवार को देवोत्थान एकादशी पर सोनीपत के पुलिस लाइन स्थित कम्यूनिटी सेंटर में हुई शहर की शिवानी और दिल्ली के नरेला में रहने वाले अश्विनी की शादी ने समाज को समाज के लिए कुछ कर गुजरने का संदेश दिया। शादी में दूल्हे और बरातियों समेत 25 बरातियों के अलावा कुल 44 लोगों ने अंगदान के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। वहीं वधू पक्ष व शहर के 50 अन्य लोगों ने देहदान के लिए भी रजिस्ट्रेशन किया।
दरअसल, पोलियो से ग्रस्त शिवानी ने शादी से पहले ही मन बना लिया था कि वह ऐसे लड़के से शादी करेगी, जो उसके पिता आनंद कुमार की अंगदान मुहिम में साथ दे। आनंद को अंगदान व देहदान की प्रेरणा भी शिवानी ने ही दी थी। आखिर दिल्ली के नरेला निवासी अश्विनी ने इस शर्त को न सिर्फ खुद माना, बल्कि सारे बरातियों को
भी अंगदान के लिए राजी किया।
नहीं चाहती कोई और भी झेले तकलीफ : दैनिक जागरण से बातचीत में दुल्हन शिवानी ने बताया कि नौवीं कक्षा में उसकी सहेली के शरीर का एक अंग खराब हो गया। समय पर अंग नहीं बदले जाने से उसकी मौत हो गई। तब मेरे मन में एक टीस सी रह गई थी। इसके बाद ही उसने अपने पिता को इस मुहिम के लिए राजी किया और खुद भी इससे जुड़ी रही।
बरातियों को भेंट किए औषधीय पौधे : लड़की वालों की ओर से बरातियों को औषधीय पौधे भेंट स्वरूप दिए गए। शिवानी के पिता आनंद कुमार ने बताया कि इन पौधों में हमारे लिए जरूरी प्राकृतिक दवाएं हैं। इसके अलावा गिफ्ट के रूप में कॉफी मग भी दिया है, जिस पर वर-वधू की फोटो के साथ अंगदान-देहदान को लेकर जागरूकता संदेश छपे हुए थे।
शिवानी से शादी के प्रस्ताव के साथ अंगदान की बात से मैं काफी प्रभावित था। इसीलिए अपने परिवार और बरातियों को इसके लिए प्रेरित किया। इस नेक काम में भागीदार बनकर अपने आपको सौभाग्यशाली मान रहा हूं।
-अश्विनी, दूल्हा
ऐसी शादी में पहली बार शामिल हो रहा हूं, जिसमें सभी लोग समाज के भले के लिए कोई बड़ा कदम उठा रहे हैं। हमें इस तरह के प्रयासों की सराहना कर इसका प्रचार- प्रसार भी करना चाहिए। -अनिल, दूल्हे का दोस्त
यह महान काम हमें दो शिक्षा देता है। हमें किसी भी रूप में दिव्यांग होने पर निराश होकर अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए। इसके अलावा मृत्यु के बाद बेकार हुए शरीर से भी किसी जरूरतमंद को कुछ देकर हम उसे नया जीवन दे सकते हैं। -रमेश, दूल्हे के चाचा
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