रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा, पाकिस्तान जाना है नरक में जाने जैसा
मनोहर पर्रीकर ने पाकिस्तान की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि वहां पर जाना किसी नर्क में जाने के समान है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बलूचिस्तान के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर दबाव क्या बढ़ाया, हर स्तर पर तेवर सख्त हो गए हैं। सख्ती का यह संदेश देने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली पाकिस्तान यात्रा पर नहीं जाएंगे। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने पाकिस्तान जाने को नरक जाने जैसा करार देते हुए वित्त मंत्री की पाकिस्तान यात्रा के टलने का साफ संकेत दे दिया है। वहीं पर्रीकर ने सुरक्षा बलों से कहा, 'खुद को शहीद करने के बजाय भारतीय जवान दुश्मन को मौत के घाट उतारें।'
सरकार की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली की यात्रा टालने की अभी औपचारिक रूप से कोई घोषणा नहीं हुई है। मगर रेवाड़ी में एक कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान जाने को नरक जाने के समान करार देकर सरकार के इरादों को साफ कर दिया है। पर्रीकर ने जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस पर सीमा पार घुसपैठ की घटना का जिक्र करते हुए पाकिस्तान की तुलना नरक से की।
घुसपैठ की इस घटना में पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कल ही हमारे सुरक्षा बलों ने वहां पांच लोगों को वहां वापस भेज दिया है। रक्षामंत्री ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को पोषित करने की अपनी नीति की वजह से खुद ही खोखला हो गया है। आतंकवाद को बढ़ावा देने की उसकी नीति का नतीजा यह है कि पाकिस्तान में सीधे लड़ने की अब कूवत नहीं रही। इसलिए छद्म तरीके से वह भारत को छोटे-छोटे जख्म देने की चाल चल रहा है।
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Kal humare jawano ne 5 logon (terrorists) ko wapas bhej dia, Pakistan mein jaana aur nark (hell) mein jaana ek hi hai: Manohar Parrikar
— ANI (@ANI_news) August 16, 2016
वहीं सरकार के कूटनीतिक सूत्रों ने भी साफ संकेत दिया है कि वित्तमंत्री के इस्लामाबाद नहीं जाने का कदम पाकिस्तान के लिए कठोर संदेश होगा। समझा जाता है कि दक्षेस देशों के वित्त मंत्रियों के सम्मेलन में जेटली के नहीं जाने की कूटनीतिक रणनीति बन गई है। इस पर अब राजनीतिक फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेना है।
सूत्रों के अनुसार इसलिए जेटली की जगह 25-26 अगस्त को इस्लामाबाद में होने वाले दक्षेस देशों के वित्त मंत्रियों के सम्मेलन में वित्त सचिव शक्तिकांत दास को भेजा जा सकता है। गौरतलब है कि अभी दो हफ्ते पहले ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह की इस्लामाबाद यात्रा के दौरान पाकिस्तान ने राजनयिक शिष्टाचार की धज्जियां उड़ाते हुए अपमानित करने की भरसक कोशिशें की। जेटली की यात्रा टाल पाकिस्तान को कूटनीतिक प्रोटोकॉल नहीं भूलने का भी संदेश दिया जाएगा।
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दक्षेस शिखर सम्मेलन पर मंडराए काले बादल
पाकिस्तान के साथ रिश्तों में आई तल्खी और वित्त मंत्री की यात्रा टलने के पुख्ता आसार के बीच नवंबर में इस्लामाबाद में होने वाले सार्क राष्ट्र प्रमुखों के शिखर सम्मेलन पर भी आशंका के बादल गहराने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस सम्मेलन के लिए पाकिस्तान जाना है। मगर रिश्तों की तल्खी और कश्मीर पर पाकिस्तान के बेसुरे राग को देखते हुए इसकी संभावनाएं धूमिल पड़ रही हैं। यदि मोदी पाकिस्तान नहीं जाने का फैसला करते हैं तो फिर दक्षेस सम्मेलन खटाई में पड़ सकता है।
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